नीतीश ने INDIA गठबंधन की बैठक में हिंदी बोले जाने के अलावा किसी योजना का जिक्र नहीं किया : DMK

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में योजना के मुताबिक काम नहीं होने के बिहार के मुख्यमंत्री के बयान को लेकर पूछे गये एक सवाल पर बालू ने कहा, ''उनकी क्या योजना थी? उन्होंने (नीतीश) किसी योजना का कोई जिक्र नहीं ‍किया. उन्होंने सिर्फ यही कहा था कि हिंदी ही बोली जानी चाहिए और सिर्फ यही योजना थी.''

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चेन्नई: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सिर्फ हिंदी ही बोली जानी चाहिए और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में सौहार्द बनाए रखने के लिए ही द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने इसे बर्दाश्त किया. द्रमुक नेता टी.आर. बालू ने रविवार को यह बात कही. यहां कांग्रेस नेताओं के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे बालू से जब नीतीश के विपक्षी गठबंधन से अलग होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शुरू से ही ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उन्हें कुछ दिक्कतें हैं. बालू ने यह भी कहा कि कुमार के इस कदम से विपक्षी गठबंधन को चुनाव में किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा.

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में योजना के मुताबिक काम नहीं होने के बिहार के मुख्यमंत्री के बयान को लेकर पूछे गये एक सवाल पर बालू ने कहा, ''उनकी क्या योजना थी? उन्होंने (नीतीश) किसी योजना का कोई जिक्र नहीं ‍किया. उन्होंने सिर्फ यही कहा था कि हिंदी ही बोली जानी चाहिए और सिर्फ यही योजना थी.''

लोकसभा सदस्य बालू ने कहा, ''उन्होंने (नीतीश कुमार) कहा था कि सभी को हिंदी में बोलना चाहिए. हमनें इसे बर्दाश्त किया. उसके बाद भी हम गठबंधन में सौहार्द की खातिर एक समझौते के कारण चुप रहे. ऐसा कहा गया कि अंग्रेजी नहीं बोली जानी चाहिए. ऐसा होता रहता है (राजनीति की ओर इशारा करते हुए), इसलिए सब ठीक था.''

द्रमुक नेता ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की बैठकों का संदर्भ दिया, जिनमें नीतीश कुमार हिंदी के उपयोग पर कथित रूप से जोर देते थे. द्रमुक के सचिव आर. एस. भारती ने सवालिया लहजे में कहा, ''इस बात की क्या गारंटी है कि नीतीश कुमार संसदीय चुनाव तक भाजपा गठबंधन के साथ बने रहेंगे? आइए इंतजार करते हैं और देखते हैं.''

नीतीश कुमार को 'चंचल दिमाग' करार देते हुए भारती ने कहा कि लोगों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री की छवि 'धूमिल' हुई है. भारती ने संवाददाताओं से कहा कि नीतीश कुमार नहीं, बल्कि द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भाजपा से मुकाबला करने के लिए सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एक साथ लाने के प्रयास शुरू किए थे.

द्रमुक नेता ने विश्वास जताया कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ) में चुनावी समझौते पर सहमति में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की 'सफलता' को अन्य हिस्सों में भी दोहराया जाएगा.

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द्रमुक के प्रवक्ता जे. कांस्टेडाइन रवींद्रन ने कहा कि नीतीश कुमार का 'इंडिया' गठबंधन से बाहर होना भाजपा के लिए 'नुकसान' और विपक्षी गठबंधन के लिए 'फायदा' है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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