नीति आयोग के CEO ने बताया, ईंधन की कीमतों में कटौती क्यों नहीं की जा सकती

नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने कहा, 'इस अवधि (कोरोना काल) के दौरान सरकार 80 करोड़ लोगों को भोजन की आपूर्ति करने में सफल रही है. यह सुनिश्चित किया है कि मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से चले.'

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत.
नई दिल्ली:

नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने NDTV से बातचीत में कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे में भारी मात्रा में निवेश करने से विकास को बढ़ावा मिलता है, लेकिन संसाधनों की कमी होने पर चुनाव करना मुश्किल है. उन्होंने कहा, 'सरकार के सामने दुविधा है. प्रमुख चुनौतियों में से एक यह है कि यदि आप विकास के उच्च पथ पर जाना चाहते हैं और यदि आप वास्तव में भारत की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना चाहते हैं, तो आप बुनियादी ढांचे की गति को कैसे तेज करते हैं, आप अधिक से अधिक खर्च कैसे करते हैं?'

अमिताभ कांत ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा, 'और मेरे विचार से, भारत की अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार अधिक से अधिक संसाधनों को अच्छी गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे में डालने के माध्यम से होगा और वास्तव में उच्च श्रेणी के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जिससे रोजगार सृजन होगा और इससे निर्माण पुनर्जीवित हो सकेगा और इसलिए दुविधा यह है कि सरकार को संसाधन जुटाने की जरूरत है, लेकिन अगर उसके पास संसाधन नहीं होंगे तो वह इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश नहीं कर पाएगा. यह एक विकल्प है, जिसे सरकार को आने वाले समय में बनाना होगा.'

नीति आयोग के CEO के 'कुछ ज्‍यादा ही लोकतंत्र' संबंधी कमेंट पर केंद्र सरकार ने कही यह बात...

नीति आयोग के CEO ने आगे कहा, 'इस अवधि (कोरोना काल) के दौरान सरकार 80 करोड़ लोगों को भोजन की आपूर्ति करने में सफल रही है. यह सुनिश्चित किया है कि मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से चले.' पेट्रोल-डीजल, खाद्य तेल, दालों समेत अन्य रोजमर्रा की चीजों की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार की जमकर आलोचना हो रही है. विपक्षी दल केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं.

Advertisement

बताते चलें कि थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जून में मामूली रूप से कम हुई क्योंकि कच्चे तेल और खाद्य पदार्थों की कीमतों में कुछ नरमी देखी गई, लेकिन जून में लगातार तीसरे महीने महंगाई दहाई अंक में बनी हुई थी. विशेषज्ञों का कहना है कि ईंधन की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय है.

Advertisement

VIDEO: नीति आयोग के सीईओ बोले, इन्फ्रास्ट्रक्चर के ऐलान का चुनावी रिश्ता नहीं, पूरे देश को लाभ

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics: मिट गई उद्धव और राज ठाकरे के बीच की दूरियां?