बैद्यनाथ मंदिर में दर्शन पर FIR हुई तो निशिकांत दुबे ने मुख्य सचिव-DGP की लोकसभा स्पीकर से कर दी शिकायत

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी आदि देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है. दुबे ने बताया कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के सामने विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए शिकायत दी है.

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  • भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी आदि पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है.
  • देवघर मंदिर में जबरन प्रवेश और धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में FIR के बाद उन्होंने ये कदम उठाया.
  • आरोप है कि बैद्यनाथ मंदिर में VIP एंट्री पर रोक के बावजूद निशिकांत दुबे जबरन गर्भगृह में गए थे.
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के सामने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) समेत अन्य अधिकारियों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया गया है.
दुबे ने यह कदम अपने खिलाफ ‘धार्मिक भावनाओं को आहत' करने के आरोप में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद उठाया है.

झारखंड पुलिस ने शुक्रवार को बताया था कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे व मनोज तिवारी और अन्य के खिलाफ 2 अगस्त को देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

सांसद दुबे ने सोशल मीडिया पर कहा कि मेरे खिलाफ 51 मामले दर्ज हैं. मैंने झारखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, देवघर के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत विशेषाधिकार हनन का मामला दायर किया है.

मंदिर के पुजारी कार्तिकनाथ ठाकुर की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. शिकायत में दुबे पर 2 अगस्त की रात 8.45 बजे से 9 बजे के बीच मंदिर में जबरन प्रवेश करने का आरोप लगाया गया था, जबकि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के मद्देनजर श्रावण महीने में वीआईपी या वीवीआईपी एंट्री पर प्रतिबंध था.

गोड्डा के सांसद ने देवघर में मीडिया से कहा कि कानून के अनुसार, मैं एक सांसद होने के नाते बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर का ट्रस्टी हूं. मैं पुजारी से एक कदम आगे हूं. आखिर किस आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है?

सांसद ने बताया कि वह गिरफ्तारी देने के लिए बाबा मंदिर थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया. भाजपा सांसद ने कहा कि अगर उन्होंने किसी पुलिसकर्मी को धक्का दिया होता तो पुलिस या मजिस्ट्रेट प्राथमिकी कराते. उन्होंने कहा कि मैंने इस (जेएमएम की अगुआई वाली) सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है.

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वहीं, झारखंड भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि पार्टी सांसदों के खिलाफ एफआईआर पूरी तरह से राजनीतिक फैसला है और उन्हें परेशान करने के लिए लिया गया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “निशिकांत दुबे अपनी गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से ही मना कर दिया. उनके खिलाफ मंदिर में पूजा करने पर भी मामला दर्ज किया गया. सोचिए, आस्था के अधिकार पर भी राजनीति हो रही है.

बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि यह साफ़ दिखाता है कि मामला पूरी तरह राजनीतिक था और केवल उन्हें और सांसद मनोज तिवारी को परेशान करने के लिए ही किया गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और यहां तक के उनके परिवार वालों को भी डराने, दबाने और बदनाम करने के लिए लगातार नए मामले गढ़ना और पुलिसिया कार्रवाई करना इस राज्य सरकार का पैटर्न बन चुका है. लेकिन सच को दबाना नामुमकिन है.

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