- NIA ने CRPF से बर्खास्त ASI मोती राम जाट के खिलाफ जासूसी का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की है.
- आरोपी पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से पैसा लेकर संवेदनशील सुरक्षा बलों की जानकारी लीक करने का गंभीर आरोप है.
- NIA ने आरोपी को मई में गिरफ्तार कर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में विभिन्न कानूनों के तहत मुकदमा दर्ज किया.
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने CRPF से बर्खास्त किए जा चुके एक जवान के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. जवान पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के हैंडलर से पैसे लेकर संवेदनशील जानकारी लीक की. आरोपों की गंभीरता को देखते हुए NIA ने उस पर UAPA समेत कई सख़्त धाराएं लगाई हैं. चार्जशीट दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई है. आरोपी मोती राम जाट, हरियाणा का रहने वाला है और CRPF की 116वीं बटालियन में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) के पद पर तैनात था. यह बटालियन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तैनात थी.
17 अप्रैल को उसका तबादला हुआ था, यानी ठीक 5 दिन पहले. जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी. CRPF ने उसके फोन और सोशल मीडिया गतिविधियों पर शक होने के बाद जांच की गई. फोन की जांच में सामने आया कि वह कुछ संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स से बात कर रहा था. जांच में पता चला कि उसने फोर्स की मूवमेंट और तैनाती से जुड़ी संवेदनशील जानकारी बाहर भेजी थी.
इस पर CRPF ने उसे तुरंत डिसमिस कर दिया और फिर NIA के हवाले कर दिया. NIA ने उसे 21 मई को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया. NIA की जांच में कई अहम बातें सामने आईं है-
- आरोपी 2023 से जासूसी गतिविधियों में शामिल था.
- वह सुरक्षा बलों की ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी, जवानों की तैनाती और इंटेलिजेंस इनपुट्स पाकिस्तान भेजता था.
- इसके बदले में वह 3,000 रुपये हर महीने लेता था.
- पैसा सीधे उसकी पत्नी के बैंक अकाउंट में विदेशी अकाउंट से आते थे.
- पैसा भेजने के लिए पाकिस्तान के हैंडलरों ने भारत में कई बिचौलियों का इस्तेमाल किया.
NIA ने चार्जशीट में उसकी मोबाइल चैट्स,संदिग्ध अकाउंट्स से बातचीत,बैंक ट्रांजैक्शंस और जासूसी से जुड़े डिजिटल सबूत को शामिल किया है. एजेंसी ने जिन कानूनों की धाराएं लगाई हैं, उनमें शामिल हैं, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 61, 147, 148 और 152,ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, 1923,Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967 (UAPA) हैं.
आरोपी से मिले सुरागों के आधार पर NIA ने दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल में 15 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. इन छापेमारियों में कई डिजिटल सबूत और संदिग्ध संपर्कों की जानकारी मिली.














