लोहे की रॉड के साथ गैंगरेप, महिला आयोग प्रमुख का दावा; पुलिस ने कहा-कहानी गढ़ी गई

पुलिस का दावा है कि संपत्ति विवाद में कुछ लोगों को फंसाने के लिए यह कहानी गढ़ी गई.

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पुलिस ने गाजियाबाद गैंगरेप केस में तीन लोगों को अरेस्‍ट किया है

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली की एक महिला के साथ गाजियाबाद में कथित रेप और टॉर्चर की घटना में नया मोड़ आ गया है. पुलिस का दावा है कि संपत्ति विवाद में कुछ लोगों को फंसाने के लिए यह कहानी गढ़ी गई. पुलिस के अनुसार, इस मामले को प्रचारित करने के लिए महिला ने अपने कुछ सहयोगियों को धनराशि का भुगतान भी किया. यूपी पुलिस ने इस मामले में कल तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इन्‍होंने कथित तौर पर महिला की अपहरण और हमले की फर्जी मामले में मदद की. 

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल की ओर से पोस्‍ट किए गए वीडियो पोस्ट से इस मामले ने तूल पकड़ लिया था. उन्‍होंने आरोप लगाया था कि 36 वर्षीय महिला जूट के बैग में लिपटी हुई पाई गई, उसके हाथ और पैर बंधे हुए थे, और उसके अंदर अभी भी एक लोहे की छड़ है. उन्‍होंने यह भी कहा था कि अपहर्ताओं द्वारा दो दिन तक टॉर्चर किए जाने के बाद महिला जीवन के लिए संघर्ष कर रही है. स्‍वाति मालीवाल ने इस घटना की तुलना निर्भया मामले से की थी. 23 साल की पैरामैडिकल स्‍टूडेंट की चलती बस में गैंगरेप और टॉर्चर कि जाने के बाद मौत हो गई थी. पुलिस ने इस ब्‍यौरे की कभी भी पुष्टि नहीं थी हालांकि महिला की ओर से नामजद पांच में से चार लोगों को गिरफ्तार करते हुए उसने संपत्ति विवाद का हवाला दिया था.

जीटीबी हॉस्पिटल के डॉक्‍टरों, जहां महिला को ले जाया गया था, ने भी इस बात से इनकार किया कि महिला को कोई अंदरूनी चोट आई थी. जैसा कि स्‍वाति मालीवाल ने दावा किया था. यूपी के क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख प्रवीण कुमार ने गुरुवार को कहा था, "वह दो दिन तक अपने दो दोस्‍तों के साथ थी. इस अवधि के दौरान इस महिला ने आरोप लगाया था कि पांच लोगों ने अपहरण कर उसके साथ रेप किया. " फोन सिग्‍नल से खुलासा हुआ है कि उसके दो दोस्‍तों में से एक ने गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले आश्रम रोड के पास उसी जगह अपना फोन बंद कर दिया था, जहां वह मिली थी. कुमार ने दावा किया, "हमने उस कार को बरामद कर लिया है जिसमें वह अपने दोस्‍तों के साथ गई थी और दो दिन तक उनके साथ रही. "

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महिला ने दावा किया था कि गाजियाबाद में एक बर्थडे पार्टी अटेंड करने के बाद जब वह दिल्‍ली के लिए बस का इंतजार कर रही थी तब बंदूकी नोक पर उसका अपहरण कर लिया गया. महिला ने कहा था कि उसके भाई ने उसे बस स्‍टेंड पर छोड़ा था जहां से पांच लोगों ने उसे जबरन कार में खींच लिया था और बाद में कैद करके उसके साथ रेप किया. पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह शिकायत सभी पांच लोगों को रेप के मामले में फंसाने की एक साजिश थी." अधिकारी ने कहा, "इस बात के भी साक्ष्‍य मिले थे कि इन लोगों में से एक ने 'रेप मामले' को प्रचारित करने के लिए एक शख्‍स को पेटीएम के जरिये धनराशि का भुगतान किया." इस दोस्‍त के खिलाफ पहले से ही तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. बुधवार को महिला के मिलने के बाद उसे पहले गाजियाबाद के सरकारी अस्‍पताल ले जाया गया, फिर मेरठ जाने को कहा गया. पुलिस के अनुसार, महिला ने दोनों स्‍थानों पर मेडिकल परीक्षण कराने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने कहा कि बाद में महिला के आग्रह पर उसे दिल्‍ली के जीटीबी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. मामले में आए इस नाटकीय मोड़ पर फिलहाल स्‍वाति मालीवाल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

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