हैलो... मैं BPSC अधिकारी बोल रहा हूं, एक फोन कॉल और अकाउंट खाली; बिहार में साइबर ठगों की नई चाल

ईओयू ने इसको लेकर परामर्श जारी करते हुए ऐसे फर्जी कॉल से सावधान रहने तथा सावधानी बरतने की आवश्यकता जतायी है ताकि साइबर ठगी से बचा जा सके.

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नई दिल्ली:

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को हाल ही में आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) में अंक बढ़वाने और परीक्षा पास कराने का प्रलोभन देने वाले साइबर जालसाजों के फर्जी फोन कॉल के प्रति लोगों को आगाह किया है. ईओयू द्वारा बृहस्पतिवार को टीआरई-3 के संबंध में यहां जारी एक बयान के अनुसार, ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं कि इस परीक्षा में पास कराने अथवा अंक बढ़वाने का झांसा देकर साइबर अपराधी ठगी करने का प्रयास कर रहे हैं.

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा टीआरई-3 का आयोजन किया गया था जो 19 जुलाई से शुरू हुआ और 22 जुलाई तक जारी रहा था. राज्य के 27 जिलों में कुल 400 परीक्षा केंद्र थे और लगभग छह लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. इससे पहले प्रश्न पत्र लीक होने के बाद बीपीएससी ने इस साल 15 मार्च को आयोजित टीआरई-3 को रद्द कर दिया था.

बयान के अनुसार, ईओयू द्वारा आसूचना संकलन के क्रम में ऐसी बातें प्रकाश में आ रही हैं कि साइबर अपराधी द्वारा अभ्यर्थी अथवा उनके अभिभावक को फर्जी फोन कॉल करके अथवा विभिन्‍न सोशल मीडिया मंच/ई-मेल के जरिए उन्हें टीआरई-3 में पास कराने अथवा अंक बढ़वाने के नाम पर रुपये की मांग कर ठगी करने का प्रयास किया जा रहा है.

ईओयू ने इसको लेकर परामर्श जारी करते हुए ऐसे फर्जी कॉल से सावधान रहने तथा सावधानी बरतने की आवश्यकता जतायी है ताकि साइबर ठगी से बचा जा सके.

जानें पूरी बात

  1. ठग गैंग अभ्यर्थियों से ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट्स मंगवा रहे हैं. छात्र नेता  दिलीप ने बताया कि बीपीएससी में चयन के नाम पर अभ्यर्थियों से 30 लाख रूपये तक की डिमांड कर रहे हैं. 
  2.  बीपीएससी के सचिव गयासुद्दीन अंसारी ने कहा है कि मुझे भी इस तरह के मैसेज मिले हैं. मैं अभ्यर्थियों से कहना चाहता हूं कि ऐसे चक्करों में ना पड़ें. उन्होंने कहा कि बीपीएससी की तरफ से किसी तरह का डाटा शेयर नहीं किया गया है. साइबर कैफे की तरफ से डाटा लीक किया गया है.
  3. TET अभ्यर्थी प्रिया कुमारी को बीपीएससी के नाम पर कॉल किया गया है. उनसे पैसे की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि मैंने घर से फॉर्म भरा था, साइबर कैफे से नहीं भरा था. फिर डाटा कैसे लीक हो गई.

बयान में कहा गया है कि अगर लोगों को किसी व्यक्ति/एजेंसी से कोई संदिग्ध प्रस्ताव या अनुरोध प्राप्त होता है तो मामले को तुरंत ईमेल के जरिए ईओयू के ध्यान में लाया जाना चाहिए. लोग ऐसी कॉल के बारे में ईओयू को मोबाइल नंबर 8544428404 पर भी सूचित कर सकते हैं.

बयान में कहा गया है कि किसी भी अभ्यर्थी/अभिभावक के ऐसे जालसाज व्यक्तियों/संस्थाओं/एजेंसियों के साथ मिलीभगत में लिप्त पाए जाने पर वे भी इसी तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए उत्तरदायी होंगे.

इससे पहले ईओयू ने 15 मार्च को आयोजित टीआरई-3 के प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच की थी और मामले की जांच के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था.

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लोन दिलाने के नाम पर ठगी 

बिहार के नवादा जिले में लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बिहार के नवादा में साइबर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 11 अपराधियों को पकड़ा है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक लैपटॉप, 34 मोबाइल फोन, 13 सिम कार्ड और 168 पन्नों का कस्टमर डाटा बरामद किया गया है.

बिहार में साइबर ठग काफी एक्टिव हो चुके हैं. ऐसे लोग भोले-भाले लोगों को आसानी से अपना निशाना बनाते हैं. साइबर कैफे या अन्य सार्वजनिक जगहों से ये लोगों के डेटा को निकालते हैं फिर उन्हें कॉल के जरिए अपनी जाल में फंसाते हैं. 

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