भारत ने गुरुवार को कहा कि माहौल बनाने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा पारित किया गया नया कानून कुलभूषण जाधव (Kulbhusan Jadhav) को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार तो देता है, लेकिन इसमें भी पिछले अध्यादेश की तरह ही खामियां हैं. सरकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अभी भी जाधव को कांसुलर एक्सेस (Consular Access) नहीं दिया है और सुनवाई के लिए उपयुक्त माहौल सृजित करने में विफल रहा है.
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को अपील दायर करने का अधिकार देने के लिए बनाया कानून
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, "हमने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने की रिपोर्ट देखी है. सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता था. जैसा कि पहले कहा गया है, अध्यादेश ने जाधव के मामले की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार के लिए कमेटी नहीं बनाई, जैसा कि ICJ के फैसले में निर्देशत किया गया था.
आईसीजे के फैसले का पालन नहीं करने की बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि नया कानून केवल पिछले अध्यादेश की कमियों को संहिताबद्ध करता है.पाकिस्तान जाधव तक अबाधित और निर्बाध काउंसलर पहुंच से लगातार इनकार करता रहा है. साथ ही वह ऐसा माहौल बनाने में भी विफल रहा है, जिसमें निष्पक्ष सुनवाई की जा सके.
पाकिस्तान जाधव मामले को एक अन्य भारतीय के मामले से जोड़ने का प्रयास कर रहा है: विदेश मंत्रालय
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (51) को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया था.
कुलभूषण जाधव मौत की सजा के खिलाफ कर सकेंगे अपील, पाकिस्तानी संसद ने बनाया कानून