न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी हितेश मेहता का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के अधिकारियों ने अदालत से हितेश मेहता का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की इजाजत मांगी थी. जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है. दरअसल हितेश जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी भी छिपा रहा है. बता दें कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 122 करोड़ गबन मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें बैंक के पूर्व जीएम हितेश मेहता, बिल्डर धर्मेश पौन और अभिमन्यु नामक शामिल हैं. 122 करोड़ गबन मामले में मनोहर की चौथी गिरफ्तारी हुई है.
देश से भागी बैंक की कार्यवाहक चेयरमैन
ईओडब्ल्यू ने 122 करोड़ रुपए के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम मामले में अहम जानकारी दी है. आर्थिक अपराध शाखा ने बताया कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की कार्यवाहक चेयरमैन गौरी भानु और उनके पति हिरेन भानु देश छोड़कर विदेश भाग गए हैं. मुंबई पुलिस जल्द ही उन्हें भगोड़ा घोषित करेगी. हिरेन भानु बीते 26 जनवरी को देश छोड़कर दूसरे देश चले गए थे, जबकि उनकी पत्नी गौरी भानु 10 फरवरी को थाईलैंड भाग गईं. हिरेन भानु आरबीआई के निरीक्षण से करीब दो हफ्ते पहले ही देश छोड़कर भागे हैंय.
अधिकारियों को संदेह है कि दंपति को घोटाले और आरबीआई की जांच के बारे में सूचना दी गई होगी. जांच में यह भी पता चला है कि परिवार के कई सदस्य 14 फरवरी को देश छोड़कर भाग गए थे, जिस दिन मामला दर्ज किया गया था. इससे पहले ईओडब्ल्यू ने मामले से जुड़े एक अन्य आरोपी उन्नतम अरुणाचलम उर्फ अरुण भाई को फरार घोषित कर दिया हैय साथ ही उसके बारे में कोई भी जानकारी देने पर नाम की घोषणा की गई है.
आर्थिक अपराध शाखा की जांच में पता चला है कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम के मुख्य आरोपी हितेश मेहता ने हिरेन भानु को 26 करोड़ और उनकी पत्नी गौरी भानु को 2 करोड़ रुपए दिए थे. (भाषा इनपुटे के साथ)