- हालिया जीएसटी रिफॉर्म में सीमेंट पर टैक्स 28 पर्सेंट से घटाकर 18 पर्सेंट कर दिया गया है.
- संगमरमर, ट्रैवर्टीन ब्लॉक, ग्रेनाइट ब्लॉक और रेत-चूने की ईंटों पर टैक्स घटकर 5 प्रतिशत हो गया है.
- क्रिसिल इंटेलिजेंस के मुताबिक, बिल्डर अगर इस मार्जिन को खरीदारों को देते हैं तो घर सस्ते हो सकते हैं.
अपना घर, अपनी छत... ये हर आम आदमी का सपना होता है. अब मोदी सरकार के जीएसटी रिफॉर्म से आम लोगों को अपना ये सपना हकीकत में बदलने में मदद मिल सकती है. दरअसल सीमेंट समेत कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले कई मटीरियल पर जीएसटी घटा दिया गया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है और इससे कंस्ट्रक्शन की लागत में 3.5 से 4.5 प्रतिशत की कमी आ सकती है.
सीमेंट पर GST में कटौती
हालिया जीएसटी रिफॉर्म में सीमेंट पर टैक्स 28 पर्सेंट से घटाकर 18 पर्सेंट कर दिया गया है. क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में बताया गया कि जीएसटी घटने से बिल्डरों का मार्जिन बढ़ेगा. साथ ही प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता (Viability) भी बढे़गी. अगर बिल्डर इस फायदे को घर खरीदारों को ट्रांसफर करते हैं तो घर-मकान सस्ते हो सकते हैं.
कच्चे माल में 25-30% तक सीमेंट
बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले सामान में सीमेंट एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे माल के खर्च का सीमेंट का हिस्सा 25-30 प्रतिशत तक होता है. जीएसटी घटने से डेवलपर का मार्जिन बढ़ने और प्रोजेक्ट की लागत में कमी आने की उम्मीद है.
इन चीजों पर भी GST घटा
सीमेंट के अलावा कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले संगमरमर, ट्रैवर्टीन ब्लॉक, ग्रेनाइट ब्लॉक और रेत-चूने की ईंटों पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे खासकर मध्यम श्रेणी और प्रीमियम प्रोजेक्टों को राहत मिलेगी, जहां इन सामग्रियों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. हालांकि निर्माण के एक प्रमुख लागत घटक स्टील पर टैक्स 18 प्रतिशत ही बना हुआ है.
घर निर्माण की लागत घटेगी
क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कटौती से डेवलपर मार्जिन में सुधार होने और परियोजना लागत कम होने की भी उम्मीद है, क्योंकि निर्माण सामग्री आमतौर पर बिल्डरों के लिए कुल निर्माण लागत का 50-60 प्रतिशत होती है.
कितनी हो सकेगी बचत?
रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट पर जीएसटी में 10 प्रतिशत की कमी से कुल निर्माण लागत में 3.0-3.5 प्रतिशत की बचत होने का अनुमान है. इसके अलावा संगमरमर, ग्रेनाइट और अन्य सामग्रियों पर जीएसटी कम होने से अतिरिक्त 0.5-1.0 प्रतिशत की बचत हो सकेगी.
रिपोर्ट कहती है कि निर्माण सामग्री पर जीएसटी में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि प्रॉपर्टी पर लागू टैक्स की दरें पहले जैसी ही रहेंगी, जो टैक्स सिस्टम में स्थिरता का संकेत देती हैं. बता दें कि जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर से पूरे देश में लागू होंगी.