मिजोरम में जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) सरकार ने पड़ोसी राज्य असम के साथ राज्य के सीमा विवाद से संबंधित मुद्दों के समाधान तलाशने के लिए एक नई सीमा समिति का गठन किया है. गृह विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
हालिया अधिसूचना के अनुसार, समिति के अध्यक्ष राज्य के गृह मंत्री के सपडांगा हैं, जबकि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ललथनसांगा समिति के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने बताया कि गृह आयुक्त एवं सचिव एच लालेंगमाविया को सदस्य सचिव बनाया गया है.
समिति के अन्य सदस्यों में मुख्यमंत्री के सलाहकार (राजनीतिक) लालमुआंपुइया पुंटे, मुख्य सचिव रेनू शर्मा, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल शुक्ला और सरकारी टी रोमाना कॉलेज में सहायक प्रोफेसर जोसेफ के लालफकजुआला शामिल हैं.
इसके अलावा, राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम), आम आदमी पार्टी (आप) के एक-एक सदस्य को भी समिति में शामिल किया गया है.
इसके अलावा, एनजीओ कोआर्डिनेशन कमेटी, सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन (सीवाईएमए), मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी), मिजोरम उपा पावल (एमयूपी) या मिजोरम एल्डर्स एसोसिएशन, मिजो हमीचे इंसुइहखौम पावल (एमएचआईपी) या मिजो वूमेन फेडरेशन, मिजो स्टूडेंट्स यूनियन (एमएसयू) और इनर लाइन रिजर्व फ़ॉरेस्ट डिमांड पर संयुक्त कार्रवाई समिति से एक-एक प्रतिनिधि समिति का हिस्सा हैं.
अधिसूचना में कहा गया है कि समिति के अध्यक्ष सपडांगा किसी भी व्यक्ति को बैठक में आमंत्रित कर सकते हैं जिसे वह आवश्यक समझते हैं. नई समिति के गठन के साथ, एमएनएफ सरकार द्वारा गठित पिछली सीमा समिति अब भंग हो गई है.
अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा इस महीने दोनों राज्यों के बीच सीमा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए असम के अपने समकक्ष हिमंत विश्व शर्मा से मुलाकात कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि 19 जनवरी को मेघालय की राजधानी शिलांग में होने वाले पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के पूर्ण सत्र के दौरान उनके बीच चर्चा होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेता लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाने के लिए सीमा मुद्दे पर चर्चा करेंगे.
प्रस्तावित एनईसी पूर्ण सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. मिजोरम असम के साथ 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद है.
इस विवाद ने जुलाई 2021 में एक भयानक मोड़ ले लिया था जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच अंतर-राज्यीय सीमा पर गोलीबारी हुई थी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों और असम के एक नागरिक की मौत हो गई थी.
मिजोरम के वैरेंगटे गांव के पास विवादित इलाके में हुई हिंसक झड़प में 60 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे. दोनों राज्यों ने तब से कई दौर की बातचीत की है और सीमा पर शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से विवाद को हल करने पर सहमति व्यक्त की है.
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