"भारत को महान बनाने का नेताजी का सपना अभी अधूरा...": RSS प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समय का भाग्य चक्र अगर सीधा चलता तो नेताजी भारत के अंदर प्रवेश करके बहुत आगे आ चुके होते. यहां रहकर यहां के स्वतंत्रता के लिए प्रयास करने वालों से मिलन होता और भारत बहुत पहले स्वतंत्र हो गया होता.

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है.

कोलकाता:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता के शहीद मीनार में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके (सुभाष चंद्र बोस) युद्ध कौशल का क्या वर्णन करना. वो तो जगत प्रसिद्ध है. जिनके साम्राज्य पर सूर्यास्त नहीं होता, ऐसे लोगों के लिए एक नई सेना बनाकर उन्होंने चुनौती खड़ी की और भारत के दरवाजे पर दस्तक दी. समय का भाग्य चक्र अगर सीधा चलता तो नेताजी भारत के अंदर प्रवेश करके बहुत आगे आ चुके होते. यहां रहकर यहां के स्वतंत्रता के लिए प्रयास करने वालों से मिलन होता और भारत बहुत पहले स्वतंत्र हो गया होता.

उन्होंने आगे कहा कि भारत को महान बनाने का नेताजी का सपना अभी अधूरा, इसे पूरा करने के लिए हम सभी को काम करना होगा. उन्होंने कहा कि नेतृत्व के लिए पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, हमें मिसाल बनना होगा.

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नेताजी राष्‍ट्रीय स्‍मारक के प्रतिरूप का उद्घाटन किया

आज प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने पराक्रम दिवस के अवसर पर अण्‍डमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया. इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाए जाने वाले नेताजी राष्‍ट्रीय स्‍मारक के प्रतिरूप का भी उद्घाटन किया.

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ये नामकरण जिन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किए गए हैं, उनमें -मेजर सोमनाथ शर्मा, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, लांस नायक अल्‍बर्ट एक्‍का, मेजर रामास्‍वामी परमेश्‍वरन, कैप्‍टन विक्रम बत्रा और लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पाण्‍डेय शामिल हैं.

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बता दें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्‍मदिन 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है. (ANI इनपुट के साथ)

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