23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नीट परीक्षा को दोबारा आयोजित करने से इंकार कर दिया था. 2 अगस्त यानी आज को सुप्रीम कोर्ट इसपर अपना फैसला सुना सकता है. SC के इस फैसले पर हजारों छात्रों और अभिभावकों की नजरें टिकीं है.
इधर, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) का प्रश्न पत्र कथित रूप से लीक होने के मामले में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया, जिसमें 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग को खारिज कर दिया था और कहा कि रिटेस्ट कराने के बड़े परिणाम होंगे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेटा से यह नहीं लगता है कि सिस्टेमैटिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अदालत को लगता है कि इस वर्ष के लिए नए सिरे से नीट यूजी का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जो इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों के लिए होगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करेगा.
एजेंसी ने मामले में अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि बिहार पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से कथित लीक की साजिश रचने और उसे अंजाम देने वाले मुख्य आरोपियों और सूत्रधार के खिलाफ अपनी जांच जारी रखी है, जिसका विस्तृत ब्योरा आगामी आरोपपत्र में दिया जाएगा.
पिछले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी दलील में कहा कि NTA ने सभी अभ्यार्थियों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है. जबकि दूसरी परीक्षाओं में ऐसा नहीं किया गया है. इसपर CJI चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं. याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि कुल सीटों की संख्या 56 हजार हैं. ऐसे में कम से कम एक लाख छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाना चाहिए. इसपर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या आपके हिसाब से कुछ लोग 1 लाख 8 हजार के केटेगरी में आ गए है? आप पहले फैक्ट्स पर बात करें. 1 लाख 8 हजार में कितने याचिकाकर्ता हैं ये भी पता चले. और इनमें से कितने छात्र अभी तक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं इसकी भी जानकारी होनी चाहिए.
ये भी पढें:- NEET Paper Leak Case: सीबीआई ने पहला चार्जशीट किया दायर, 13 लोगों को बनाया आरोपी