NEET-UG पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak) में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले के तार अब राजस्थान के झालाबाड़ मेडिकल कॉलेज से भी जुड़ गए हैं. पहले बिहार, लातूर, हजारीबाग, रांची, गोधरा और अब झालावाड़, ये वो जगह हैं, जिनका नीट पेपर लीक मामले से एक-एक कर कुछ न कुछ कनेक्शन सामने आ रहा है. सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज (Neet Paper Leak jhalawar Connection) के दस छात्रों को गिरफ्तार कर लिया. इन छात्रों पर डमी कैंडिडेट बनाकर परीक्षा देने का आरोप है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन चारों विद्यार्थियों ने भारी पैसा लेकर डमी कैंडिडेट बनाकर परीक्षाएं दी थीं. झालावाड़ नीट यूजी परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में देशभर में कई जगह पर मुकदमे दर्ज हुए हैं. जिन पर अलग-अलग राज्यों की पुलिस कार्रवाई कर रही है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. इसके बाद लगातार पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई हो रही है.
डमी कैंडिडेट बनकर दिया नीट एग्जाम
पेपर लीक मामले में अब तक दर्जनों गिरफ्तारियां हो चुकी है. वहीं एक दर्जन के करीब मुकदमे भी दर्ज किया जा चुके हैं. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के 10 मेडिकोज को दिल्ली और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. इस मामले पर झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुभाष चंद्र जैन का कहना है कि पिछले दिनों दिल्ली और मुंबई की पुलिस झालावाड़ आई थी. नीट यूजी परीक्षा के संबंध में गड़बड़झाले को लेकर दोनों ही जांच कर रही हैं. पुलिस दोनों ही जगहों पर जांच कर रही है. इस मामले में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे कुछ एमबीबीएस के मेडिकोज स्टूडेंट्स के नाम भी उनके सामने आए थे,10 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इनमें से 8 को जमानत भी मिल चुकी है. दो मेडिकोज अभी भी पुलिस की कस्टडी में हैं.
NEET परीक्षा में बड़ी धांधली
कहा जा रहा है कि इस मामले में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ छात्राएं भी शामिल है. इन पर लाखों रुपए लेकर डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम देने का आरोप है. बता दें कि इससे पहले भी राजस्थान के अन्य मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले मेडिकोज के इस तरह से डमी कैंडिडेट के रूप में नीट परीक्षा देने के मामले सामने आते रहे हैं.
15 लाख रुपए के बदले बने डमी स्टूडेंट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के जिन छात्रों का नाम इस मामले से जुड़ा है और जिनकी गिरफ्तारी हुई है वह सभी हर पेपर के बदले 15 लाख रुपए लेकर डमी कैंडिडेट बने थे.
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज मामले को छुपाता रहा
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस मामले पर लंबे समय तक कोई जानकारी शेयर नहीं की. मेडिकल कॉलेज के डीन और अन्य अकैडमी अधिकारियों से जब इस मामले पर पूछताछ की गई तो वह लगातार मामले को टालते रहे. मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का मामले को छुपाया जाना भी अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. कहा जा रहा है कि इस मामले में आगे भी जांच हो तो कहीं और के तार यहां से जुड़ सकते हैं.
झारखंड से लेकर झालावाड़ तक, नीट पेपर लीक के तार
नीट पेपर लीक का पूरा रैकेट झारखंड से लेकर बिहार के बीच फैला हुआ था. पेपर रांची से हजारीबाग के बीच लीक हुआ, फिर पटना गया और वहां बांटा गया. पेपर लीक में इंटर स्टेट गैंग काम कर रहा था. बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने खुलासा किया था कि नीट के पेपर 30-40 लाख रुपये में बेचे गए. यह पेपर 34 अन्य उम्मीदवारों को दिए गए. पटना पुलिस को 5 मई को गड़बड़ी की जानकारी मिली थी.