कर्नाटक (Karnataka) के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) ने शनिवार को केंद्र से राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) रद्द करने और राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति देने का आग्रह किया. शिवकुमार ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘नीट परीक्षा में कदाचार का मामला गंभीर है. यह लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है. केंद्र को नीट को खत्म कर देना चाहिए और राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति देनी चाहिए. देश भर के छात्र राज्यों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक के छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है. कर्नाटक ने कॉलेज तो बनाए हैं, लेकिन इसका लाभ उत्तर भारत के छात्रों को मिल रहा है और राज्य के छात्र वंचित हो रहे हैं. हमें इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा. केंद्र को नीट परीक्षा में हुए कदाचार की भी जांच करानी चाहिए.''
कड़ी मेहनत करने वाले छात्रों के साथ अन्याय : सिद्धारमैया
इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नीट परीक्षा के बारे में कहा कि कड़ी मेहनत करने वाले छात्रों के साथ अन्याय हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘‘...इसकी जांच होनी चाहिए और फिर से परीक्षा होनी चाहिए. एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) ने परीक्षाएं ठीक से नहीं करवाई हैं. कृपांक देना अच्छी परंपरा नहीं है, कृपांक देकर किसी को उत्तीर्ण नहीं किया जाना चाहिए.''
एनटीए की जमकर की जा रही है आलोचना
मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कदाचार और अंक बढ़ाने के आरोपों को लेकर एनटीए आलोचनाओं का सामना कर रहा है.
नगर निकाय बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) चुनावों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने कहा कि चुनाव की घोषणा जल्द ही की जाएगी और इसके लिए पार्टी को तैयार करने की जरूरत है.
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