NEET में हुई धांधली और पेपर लीक विवाद (NEET Paper Leak) के बीच केंद्र सरकार ने छात्रों, अभिभावकों से परीक्षा कराने वाले निकाय NTA में सुधार के लिए सुझाव मांगे हैं. इस मामले पर सरकार की तरफ से एक समित का गठन किया गया है. इस समिति का नेतृत्व इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन कर रहे हैं. नीट एग्जाम में अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं से घिरी एनटीए में सुधार और पुनर्गठन के लिए सरकार ने सुझाव मांगे हैं. NTA वह संस्था है, जो मेडिकल के लिए प्रवेश परीक्षा नीट और कॉलेज और यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार चुनती है.
इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली समिति एक विशेष वेबसाइट के जरिए सुझाव और प्रतिक्रिया स्वीकार करेगी. 7 जलाई तक इस पर फीडबैक दिया जा सकता है. अगर आप भी अपने सुझाव देना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें. https://innovateindia.mygov.in/exanation-reforms-nta/
संसद में उठा NEET और NET का मुद्दा
आज संसद के दोनों सदनों में विपक्ष, खासकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन और बीजेपी के बीच NEET और NET मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष सदन से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा था. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस मामले पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के मूड में नहीं दिखाई दी. जिसके बाद सदन विपक्ष के हंगामे से हिल गया. जिसके बाद सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
NTA ऑफिस पर धावा
कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI ने कार्यकर्ताओं भी भीड़ ने गुरुवार शाम को एनटीए के दिल्ली कार्यालय में घुस गए और कुछ देर के लिए वहां पर कब्जा कर लिया और जमकर हंगामा किया. पोस्टर हाथ में लिए प्रदर्शनकारी ऑफिस परिसर पर कब्जा करते हुए दिखाई दिए. पोस्टरों पर लिखा था, "अब कोई भ्रष्ट एनटीए नहीं" वहीं कुछ लोग "एनटीए बंद करो, बंद करो" के नारे लगा रहे थे. हालांकि कुछ देर बाद ही विरोध खत्म हो गया. पुलिस बल के पहुंचते ही थोड़ी ही देर में भीड़ तितर-बितर हो गई.
NEET एग्जाम विवाद
मेडिकल में प्रवेश के लिए करीब 24 लाख छात्रों ने NEET की परीक्षा 5 मई को दी थी. लेकिन जैसे ही इसका रिजल्ट आया छात्रों का हंगामा शुरू हो गया. इस साल रिकॉर्ड 67 छात्रों ने 720 अंकों के साथ टॉप किया. 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने पर भी एनटीए सवालों के घेरे में आ गया. जिसके बाद परीक्षा फिर से आयोजित किए जाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया. वहीं बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली में इस मामले पर बड़ी संख्या में गिरफ़्तारां भी हुई हैं, अब इसकी जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली है. एजेंसी के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इसमें एक राष्ट्रव्यापी भ्रष्टाचार रैकेट शामिल हो सकता है.
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