आजादी के 8 दशक बाद दिख रहे भारतीय लोकतंत्र के असली फल: NDTV इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड्स में बोले जयशंकर

जयशंकर ने कहा, "मोदी सरकार में हम पहले से ज्यादा महात्वाकांक्षी हो गए हैं. हम सपने देखने लगे हैं और उन्हें पूरे करने के लिए कोशिश भी करने लगे हैं. क्योंकि हमें विश्वास है सरकार हमारे साथ है. सरकार के कुछ ऐसे उल्लेखनीय काम हैं, जिससे पता चलता है कि हम किस समय में और किस दौर में जी रहे हैं."

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नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि पिछले कुछ सालों में भारत को लेकर दुनिया का नजरिया बदला है. शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित NDTV के इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड्स 2024 में पहुंचे जयशंकर ने कहा, "आजादी के करीब 8 दशक बाद भारतीय लोकतंत्र के असली फल देखने को मिल रहे हैं. दुनिया में हमारा रुतबा बढ़ा है. कोई भी बड़ा मसला भारत से सलाह-मशविरा किए बिना तय नहीं होता. हम बदल गए हैं और हमारे बारे में दुनिया का नजरिया बदल गया है."

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "आज का भारत पहले से कहीं ज्यादा योग्य, सक्षम, निडर, आत्मविश्वासी और महात्वाकांक्षी है. सबसे बड़ी बात ये है कि हम आज ऐसे इंडिया में हैं, जो पुराने भारत से कहीं आगे है. आजादी के 8 साल बाद लोकतंत्र वास्तव में अब डिलिवर हो रहा है. जब मैं लोकतंत्र की बात करता हूं, तो समावेशी विकास की बात करता हूं."

उन्होंने कहा, "जब आप अपने आसपास देखेंगे, राजनीति को देखेंगे. आर्थिक नीतियों को देखेंगे, खिलाड़ियों को देखेंगे औऱ पत्रकारों को देखेंगे तो समझ आता है कि वो पहले के मुकाबले अभी ज्यादा रिप्रेजेंटेटिव हैं."

विदेश मंत्री ने कहा, "आज लोग बुनियादी जरूरतों को लेकर संतुष्ट हैं. बेशक ये उनके आशाओं और उम्मीदों की चरम सीमा से कम है. लेकिन पिछली सरकारों से वो इतनी भी उम्मीद नहीं कर पाते थे. सवाल है कि हालात कैसे बदले? डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने लोगों पर बहुत अच्छा असर छोड़ा है. इसने सिर्फ गवर्नेस के लिए ही नहीं, बल्कि लोगों के लिए भी विकास के रास्ते खोलने का काम किया है. कल जो लोगों को सपने थे, आज वो उनकी डिमांड हैं. ये डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से मुमकिन हो पाया है."

जयशंकर ने कहा, "मोदी सरकार में हम पहले से ज्यादा महात्वाकांक्षी हो गए हैं. हम सपने देखने लगे हैं और उन्हें पूरे करने के लिए कोशिश भी करने लगे हैं. क्योंकि हमें विश्वास है सरकार हमारे साथ है. सरकार के कुछ ऐसे उल्लेखनीय काम हैं, जिससे पता चलता है कि हम किस समय में और किस दौर में जी रहे हैं."

उन्होंने कहा, "जो हमारे नागरिकों के सपने हुआ करते थे, वे अब उनकी मांगें हैं. यह 'कुछ कर सकने वाली' पीढ़ी है. यह वह पीढ़ी है जो बुलेट ट्रेन बना रही है... यह वह पीढ़ी है, जिसने चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है. हमने चीन की सीमा चुनौतियों का दृढ़ता के साथ सामना किया है.''

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विदेश मंत्री ने कहा, "भारत ने 26/11 (मुंबई आतंकी हमले) को अब पीछे छोड़ दिया है. अब हम उरी और बालाकोट जैसे आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जवाब दे रहे हैं. किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि हम जी20 शिखर सम्मेलन (मेज़बान) से पीछे हट जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि आज का भारत पीछे हटना और पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता. आज का भारत सिर्फ आगे बढ़ना जानता है."