विदेश मंत्री एस जयशंकर को मिला NDTV के इंडियन ऑफ द ईयर 2024 में 'इंडिया फ़र्स्ट' का अवॉर्ड मिला है. इस दौरान जयशंकर ने कहा, "भारत का विदेश मंत्री बनने के लिए यह एक अच्छा पल है. मैं सौभाग्यशाली हूं, जो मुझे ऐसे समय में विदेश मंत्री बनने का मौका मिला, जब हमारा देश हर तरफ से तरक्की के रास्ते पर दौड़ रहा है. मैंने अपने करियर में कई सरकारों के साथ काम किया है. लेकिन जब नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री की लीडरशिप में काम करने का मौका मिले, तो उस काम को करने का मजा ही अलग है." बदलते भारत की झलक पेश करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "आज का इंडिया पुराने इंडिया से कहीं आगे है. कल तक जो लोगों के सपने थे, वो आज उनकी मांग और हकीकत बन रहे हैं."
भारत का विदेश मंत्री बनने के लिए यह अच्छा वक्त क्यों है, जयशंकर ने 5 पॉइंट में इसे समझाने की कोशिश की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "भारत का विदेश मंत्री बनने के लिए यह अच्छा वक्त क्यों है, इसके लिए 5 कारण हैं. पहला- सरकार का नेचर. मैंने कई सरकारों के साथ काम किया है. जब आपके पास भारत को आधुनिक बनाने के लिए इतनी मजबूत प्रतिबद्धता वाला प्रधानमंत्री हो, तब काम करने का मजा ही अलग होता है. उन्होंने कहा, "अगर आप मोदी सरकार के लिए गए फैसलों पर नजर डालें, तो यह वास्तव में एक असाधारण वक्त है. सरकार के साथ काम करने और उसका हिस्सा बनना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है."
दूसरा कारण- एक्सटर्नल और डोमेस्टिक डायनैमिक्स का करीब आना. जयशंकर ने कहा, "विदेश मंत्री के नाते मैं हर दूसर-तीसरे दिन भारत से बाहर की यात्रा पर रहता हूं. भारत के दूर-दराज में भी आज मोदी सरकार की नीतियों और फॉरिन पॉलिसी पर बात होती है. मतलब साफ है कि लोकतंत्र ने काम किया है."
तीसरा कारण- डेवलपमेंट के साथ-साथ मॉर्डनाइजेशन पर फोकस. जयशंकर ने कहा, "आज हमारे पास नरेंद्र मोदी के रूप में एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के साथ भारत के मॉर्डनाइजेशन पर भी काम कर रहे हैं. वो सिर्फ जरूरी सुधारों पर ही काम नहीं कर रहे, बल्कि उन सुधारों पर भी काम कर रहे हैं, जो भविष्य भारत में होने चाहिए."
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चौथा कारण- ज्यादा रिप्रेजेंटेशन. विदेश मंत्री ने कहा, "जब हम हमारी राजनीति, पत्रकारों, खिलाड़ियों वगैरह को देखते हैं, तो समझ में आता है कि हम आज पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा रिप्रेजेंटटेटिव हैं. सफलता कोई ऐसी चीज नहीं होती, जो सिर्फ मेट्रोपॉलिटिन शहरों में ही मिलेगी. सही नीयत और सही नीति हो, तो दूर-दराज में भी सफलता मिल सकती है."
पांचवां कारण- कल के सपने आज हकीकत. विदेश मंत्री ने कहा, "आज लोग बुनियादी जरूरतों को लेकर संतुष्ट हैं. बेशक ये उनके आशाओं और उम्मीदों की चरम सीमा से कम है. लेकिन पिछली सरकारों से वो इतनी भी उम्मीद नहीं कर पाते थे. सवाल है कि हालात कैसे बदले? डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने लोगों पर बहुत अच्छा असर छोड़ा है. इसने सिर्फ गवर्नेस के लिए ही नहीं, बल्कि लोगों के लिए भी विकास के रास्ते खोलने का काम किया है. कल जो लोगों को सपने थे, आज वो उनकी डिमांड हैं. ये डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से मुमकिन हो पाया है."
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भारत को लेकर दुनिया का नजरिया बदला
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "पिछले कुछ सालों में भारत को लेकर दुनिया का नजरिया बदला है. आजादी के करीब 8 दशक बाद भारतीय लोकतंत्र के असली फल देखने को मिल रहे हैं. दुनिया में हमारा रुतबा बढ़ा है. कोई भी बड़ा मसला भारत से सलाह-मशविरा किए बिना तय नहीं होता. हम बदल गए हैं और हमारे बारे में दुनिया का नजरिया बदल गया है."
आज का इंडिया, पुराने भारत से आगे
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "आज का भारत पहले से कहीं ज्यादा योग्य, सक्षम, निडर, आत्मविश्वासी और महात्वाकांक्षी है. सबसे बड़ी बात ये है कि हम आज ऐसे इंडिया में हैं, जो पुराने भारत से कहीं आगे है. आजादी के 8 साल बाद लोकतंत्र वास्तव में अब डिलिवर हो रहा है. जब मैं लोकतंत्र की बात करता हूं, तो समावेशी विकास की बात करता हूं."
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चीन को हमने झुकने को किया मजबूर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "भारत की बदली हुई विदेश नीति में अब भारत की अलग छवि दुनिया के सामने है. भारत अब दुनिया के सामने आत्मविश्वास के साथ पेश हो रहा है. उन्होंने कहा कि चीन को हमने अपने पुरजोर प्रयासों से झुकने के लिए मजबूर किया है. चाहे आतंकवाद हो या बालाकोट, भारत पूरी ताकत के साथ जवाब दे रहा है."
ये कुछ कर सकने वाली पीढ़ी
विदेश मंत्री ने कहा, "जो हमारे नागरिकों के सपने हुआ करते थे, वे अब उनकी मांगें हैं. यह 'कुछ कर सकने वाली' पीढ़ी है. यह वह पीढ़ी है जो बुलेट ट्रेन बना रही है... यह वह पीढ़ी है, जिसने चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है. हमने चीन की सीमा चुनौतियों का दृढ़ता के साथ सामना किया है.''
मोदी सरकार के साथ काम करना सौभाग्य की बात
उन्होंने कहा, "अगर आप मोदी सरकार के लिए गए फैसलों पर नजर डालें, तो यह वास्तव में एक असाधारण वक्त है. सरकार के साथ काम करने और उसका हिस्सा बनना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है." जयशंकर ने दूसरा कारण भी बताया. उन्होंने कहा, "बाहरी और घरेलू गतिशीलता काफी करीब आ गई है..''
विदेश मंत्री ने कहा, "भारत ने 26/11 (मुंबई आतंकी हमले) को अब पीछे छोड़ दिया है. अब हम उरी और बालाकोट जैसे आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जवाब दे रहे हैं. किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि हम जी20 शिखर सम्मेलन (मेज़बान) से पीछे हट जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि आज का भारत पीछे हटना और पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता. आज का भारत सिर्फ आगे बढ़ना जानता है."
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