NDTV-CSDS सर्वे: पार्टी या उम्मीदवार? कर्नाटक चुनाव में वोटर्स की क्या है प्राथमिकता?

सर्वे में शामिल 66 फीसदी कांग्रेस वोटर्स ने पार्टी को सबसे महत्वपूर्ण बताया है, जबकि 30 फीसदी कांग्रेस वोटर्स ने पार्टी से ऊपर उम्मीदवार को वरीयता दी. इसी तरह 49 फीसदी बीजेपी वोटर्स ने पार्टी को महत्वपूर्ण बताया.

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NDTV-CSDS के सर्वे में शामिल 66 फीसदी कांग्रेस वोटर्स ने पार्टी को सबसे महत्वपूर्ण बताया है.

नई दिल्ली:

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) को लेकर बीजेपी-कांग्रेस और जेडीएस ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. कर्नाटक में मतदाताओं के वोटिंग पैटर्न को लेकर NDTV-CSDS ने सर्वे किया. इसमें लोगों से राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार की प्राथमिकता को लेकर सवाल किए गए. इनमें से 56 फीसदी लोगों ने माना कि वो सिर्फ पार्टी को देखकर वोट करते हैं, जबकि 38 फीसदी लोगों ने उम्मीदवार को देखकर वोट करने की बात मानी. सर्वे में शामिल 4 फीसदी लोगों ने सीएम कैंडिडेट पर वोट करने की बात कही. जबकि 2 फीसदी लोगों ने कोई राय नहीं दी.

NDTV-CSDS के सर्वे में शामिल 66 फीसदी कांग्रेस वोटर्स ने पार्टी को सबसे महत्वपूर्ण बताया है, जबकि 30 फीसदी कांग्रेस वोटर्स ने पार्टी से ऊपर उम्मीदवार को वरीयता दी. इसी तरह 49 फीसदी बीजेपी वोटर्स ने पार्टी को महत्वपूर्ण बताया और 47 फीसदी बीजेपी वोटर्स ने उम्मीदवार को पार्टी से ऊपर रखा. जेडीएस के 54 फीसदी वोटर्स ने पार्टी को प्राथमिकता दी, जबकि 36 फीसदी वोटर्स ने पार्टी से ऊपर उम्मीदवार को प्राथमिकता दी.

50 फीसदी गरीब वोटर्स कांग्रेस के साथ
अगर बात करें अमीर और गरीब वोटर्स की, तो 50 फीसदी गरीब वोटर्स कांग्रेस के समर्थन में हैं, जबकि 23 फीसदी गरीब वोटर्स बीजेपी के समर्थन में हैं. वहीं, अमीर वोटर्स की पसंद बीजेपी है. 46 फीसदी अमीर वोटर्स ने बीजेपी को अपनी पसंद बताया. जबकि 31 फीसदी अमीर वोटर्स कांग्रेस पर भरोसा करते हैं. 

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NDTV-CSDS सर्वे का यह दूसरा भाग है. पहले भाग के नतीजे 1 मई 2023 को प्रकाशित किए गए थे. NDTV-CSDS ने 20 से 28 अप्रैल के बीच कर्नाटक चुनाव को लेकर सर्वे किया था. बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को चुनाव होने हैं और इसके नतीजे 13 मई को आएंगे.

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कैसे हुआ सर्वे?
सर्वे के लिए कर्नाटक के 21 विधानसभा क्षेत्रों के 82 मतदान केंद्रों में कुल 2143 लोगों से बात की गई. दो मतदान केंद्रों में फील्डवर्क पूरा नहीं हो सका. सर्वे के फील्‍ड वर्क का को-ऑर्डिनेशन वीना देवी ने किया और कर्नाटक में नागेश के एल ने इसका मुआयना किया. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को 'प्रोबैबलिटी प्रपोर्शनल टू साइज (Probability Proportional to Size)' सैंपल का इस्तेमाल करके रैंडमली तरीके से चुना गया है. इसमें एक यूनिट के चयन की संभावना उसके आकार के समानुपाती होती है. हर निर्वाचन क्षेत्र से 4 मतदान केंद्रों को सिलेक्ट किया गया था. हर मतदान केंद्र से 40 मतदाताओं को रैंडमली सिलेक्ट किया गया था.

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