- NDTV के GST कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से शराब को लेकर भी सवाल पूछा गया.
- क्या शराब पर भी जीएसटी लगेगा, लगेगा तो कब? इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि ये राज्यों पर निर्भर है.
- दरअसल शराब को जीएसटी से बाहर रखा गया है. राज्य सरकारें इस पर अपने टैक्स और वैट लगाते हैं.
NDTV के GST कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से शराब को लेकर भी सवाल पूछा गया. उनसे पूछा गया कि क्या शराब पर भी जीएसटी लगेगा, और लगेगा तो कब? इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि ये राज्यों के ऊपर निर्भर करता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि शराब को जीएसटी के दायरे में लाना पूरी तरह राज्यों पर निर्भर करता है. मैं इस बारे में कोई कमेंट नहीं कर सकती.
दरअसल, इंसानों के पीने वाली शराब को जीएसटी रिजीम के दायरे से बाहर रखा गया है. शराब के ऊपर विभिन्न राज्य सरकारें अलग-अलग एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाते हैं. इससे उन्हें काफी रेवेन्यू मिलता है. उनकी आमदनी में शराब से मिले टैक्स का बड़ा हिस्सा होता है.
केंद्र सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म में सिन गुड्स (हानिकारक उत्पाद) और सुपर लग्जरी सामानों पर 40 पर्सेंट का स्पेशल जीएसटी लगाया है. इनमें सिगरेट, तंबाकू, गुटखा, जर्दा के अलावा नॉन अल्कोहोलिक बेवरेज, कैफीन वाले पेय पदार्थ और फ्रूट ड्रिंक्स भी शामिल हैं.
कई राज्य शराब पर 15 से 25 पर्सेंट तक टैक्स लगाते हैं. इससे मिली रकम से उन्हें वेलफेयर और विकास के कार्यों पर खर्च करने का पैसा मिलता है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब से कमाई के मामले में उत्तर प्रदेश देश ने काफी तरक्की की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी से अगस्त तक यूपी आबकारी विभाग को शराब पर टैक्स से 22,337 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है. ये पिछले साल के 3021 करोड़ से काफी अधिक है. उत्तर प्रदेश को सिर्फ अगस्त के महीने में ही 3,754 करोड़ की शराब से आमदनी हुई है.