देश में फिलहाल हर तरफ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) का शोर है. एनडीए (NDA) हो या इंडिया अलायंस (INDIA) सभी अपनी-अपनी तरफ से जनता को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी (BJP) जहां देश में विकास के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रही है, वहीं कांग्रेस (Congress) महंगाई और युवाओं के रोजगार का मुद्दा उठा रही है. NDTV अपने खास शो 'Battleground' में एक्सपर्ट्स के जरिए इस बार देश के युवाओं का मूड क्या है, वो क्या सोचते हैं और उनकी क्या आकांक्षाएं हैं, ये जानने की कोशश की.
बेंगलुरु में आयोजित इस शो में शामिल पैनलिस्ट आरिन कैपिटल पार्टनर्स के अध्यक्ष टीवी मोहनदास पई ने कहा कि इस बार 97 करोड़ वोटर में से 55 करोड़ वोटर 40 साल की उम्र से नीचे हैं और वो अब गांधी, नेहरू, इंदिरा या राजीव को याद नहीं करते. 2029 के लोकसभा चुनाव में 100 करोड़ वोटरों में 65 करोड़ युवा होंगे, तो इस बार युवाओं का वोट काफी महत्व रखता है.
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक सुगाता श्रीनिवासराजू ने कहा कि देश में युवा मतदाताओं की संख्या को देखते हुए कांग्रेस रोजगार को मुद्दा बना रही है, जो इस चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण है. युवाओं की आकांक्षा और नौकरी बेहद संवेदनशील मुद्दा है, तो इस बार युवाओं की इसको लेकर सोच भी चुनाव के परिणाम में अहम भूमिका निभा सकती है.
वहीं योर स्टोरी की सीईओ श्रद्धा शर्मा ने कहा कि आज की युवा सब जानती है, वो पहले की तरह कमजोर नहीं है, आज महिलाएं सशक्त हैं. यंग इंडिया आने वाले दस सालों में मिलने वाले मौके के भुनाने की तरफ देख रही है. आज युवा स्टार्टअप के जरिए दूसरों के लिए नौकरियां पैदा कर रहे हैं. आज तो बेंगलुरु में ऑटो वाले भी यूपीआई से अपना किराया लेते हैं. ऐसे विकास को देखते हुए यंग इंडिया इस बार पूरे विश्वास के साथ वोट करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस चुनाव में NDA के लिए '400 पार' और अकेले बीजेपी के लिए 370 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. इसे पाने के लिए बीजेपी और एनडीए में उसके सहयोगी दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं, विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी को सत्ता की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए INDIA गठबंधन बनाया है. इन दलों ने 2019 में भी BJP को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि, जहां BJP और NDA के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा चेहरा है. वहीं, विपक्षी गठबंधन नेतृत्व की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी की लोकप्रियता हावी होती दिख रही है.