ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद रेस्क्यू से लौटे बचावकर्मी को पानी में दिखने लगा है खून: NDRF महानिदेशक

ओडिशा में दुर्घटनास्थल का दौरा करने वाले एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि बल ने अपने कर्मियों के बचाव एवं राहत अभियान से लौटने पर उनके लिए मनोवैज्ञानिक काउंसेलिंग और मानसिक स्थिरता पाठ्यक्रम शुरू किया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
बालासोर ट्रेन हादसे के बाद एनडीआरएफ के नौ दलों को राहत और बचाव के काम में लगाया गया था.
नई दिल्ली:

ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने दिन-रात मेहनत कर बेहद ही तेजी से राहत और बचाव के काम किए थे. इसमें सैंकड़ों कर्मी दिन-रात लगे रहे. लगातार शवों और घायलों को निकालने की वजह से कई एनडीआरएफ कर्मी में अलग ही लक्षण नजर आने लगे हैं. एनडीआरएफ ने महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान में तैनात बल का एक कर्मी जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है, जबकि एक अन्य बचावकर्मी को भूख लगनी बंद हो गई है.

बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने के बाद बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ के नौ दलों को तैनात किया गया था. भारत के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गई, जबकि 900 से अधिक लोग घायल हो गए. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बल ने 44 पीड़ितों को बचाया और घटनास्थल से 121 शव बरामद किए.

आपदा प्रतिक्रिया के लिए क्षमता निर्माण पर वार्षिक सम्मेलन, 2023 को संबोधित करते हुए करवाल ने कहा, "मैं बालासोर ट्रेन हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल अपने कर्मियों से मिला. एक कर्मी ने मुझे बताया कि वह जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है. एक अन्य बचावकर्मी ने बताया कि इस बचाव अभियान के बाद उसे भूख लगनी बंद हो गई है."

Advertisement

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना की क्‍या थी वजह...? अब तक 278 लोगों के मारे जाने की पुष्टि, CBI ने शुरू की जांच

Advertisement

हाल में दुर्घटनास्थल का दौरा करने वाले एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि बल ने अपने कर्मियों के बचाव एवं राहत अभियान से लौटने पर उनके लिए मनोवैज्ञानिक काउंसेलिंग और मानसिक स्थिरता पाठ्यक्रम शुरू किया है.

Advertisement

उन्होंने कहा, "अच्छी मानसिक सेहत के वास्ते ऐसी काउंसेलिंग हमारे उन कर्मियों के लिए करायी जा रही है जो आपदाग्रस्त इलाकों में बचाव एवं राहत अभियानों में शामिल होते हैं."

Advertisement

करवाल ने कहा कि पिछले साल से अब तक इस संबंध में कराए विशेष अभ्यास के बाद तकरीबन 18,000 कर्मियों में से 95 प्रतिशत कर्मी फिट पाए गए.

इसे भी पढ़ें:

ओडिशा ट्रेन हादसा : क्षतिग्रस्त शवों को कब तक रख सकते हैं प्रिजर्व, AIIMS के डॉक्‍टर ने NDTV को बताया

ओडिशा ट्रेन हादसे में 101 शवों की अभी तक नहीं हो पाई पहचान

Featured Video Of The Day
Udupi Man Tossed In Air: फटा टायर, हवा में उछल गया व्यक्ति, देखें दिल दहलाने वाला Viral Video
Topics mentioned in this article