बिहार में एनडीए का मतलब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और नीतीश मतलब एनडीए है. ये कहना हैं, जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का. उनके अनुसार बिहार में एनडीए उस समय तक है, जब तक नीतीश इसका चेहरा हैं. कुशवाहा के इस बयान के बाद एक बार फिर भाजपा (BJP) के साथ वाकयुद्ध का एक और दौर शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि इसी सोमवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पटना जाकर बयान दिया था कि नीतीश ही चेहरा हैं, लेकिन उसके बाद कुशवाहा के बयान की क्या ज़रूरत पड़ी है ये उनकी पार्टी के अधिकांश नेताओं की समझ से परे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या नेता के मन में गलतफहमी है तो उस गलतफहमी को निकाल देना चाहिए, जब से एनडीए की बिहार में शुरुआत हुई तब से नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा थे, आज भी हैं. जब तक एनडीए को रहना है तब तक नीतीश कुमार ही बिहार में चेहरा रहेंगे. उन्होंने कहा कि गलतफहमी में कोई रहता है तो उनसे मेरा विशेष आग्रह है कि खुद भी गलतफहमी में न रहें और ऐसी बात करने से कार्यकर्ताओं में गलतफहमी होती है. उस गलतफहमी को पैदा करने से भी बचें. सीधी बात है कि बिहार में एनडीए नीतीश कुमार है और नीतीश कुमार एनडीए है.
बता दें कि सोमवार को ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी और कहा था कि नीतीश कुमार 2025 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा था कि कोई गतिरोध है ही नहीं. सार्वजनिक मंच पर कई बार इस बात का प्रमाण दे चुके हैं, हालांकि राजनीतिक पार्टियों में प्रजातांत्रिक तरीकों में कुछ मतभेद हो जाता है, लेकिन वो कोई बड़ी बात नहीं है. हम मिलकर बिहार की जनता की सेवा कर रहे हैं. नीतीशजी हमारे नेता हैं और कोई गतिरोध नहीं है.
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