पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग बलात्कार मामले की जांच में बाधा डाल रहा है: एनसीपीसीआर

कानूनगो एनसीपीसीआर की अपनी टीम के साथ सुबह लगभग आठ बजकर 50 मिनट पर गजोले थाना क्षेत्र स्थित बालिका गृह पहुंचे, लेकिन डब्ल्यूबीसीपीसीआर की अध्यक्ष सुदेशना रॉय पहले से ही वहां मौजूद थीं.

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प्रियांक कानूनगो ने पत्रकारों से कहा, 'राज्य की टीम हमारी जांच में बाधा डाल रही थी.'
गजोले:

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने शनिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) के सदस्यों ने मालदा जिले के एक स्कूल में एक छात्रा से सामूहिक बलात्कार संबंधी मामले की उनकी जांच में बाधा डाली है. कानूनगो एनसीपीसीआर की अपनी टीम के साथ सुबह लगभग आठ बजकर 50 मिनट पर गजोले थाना क्षेत्र स्थित बालिका गृह पहुंचे, लेकिन डब्ल्यूबीसीपीसीआर की अध्यक्ष सुदेशना रॉय पहले से ही वहां मौजूद थीं.

कानूनगो कुछ ही मिनट में बालिका गृह से बाहर आ गए और उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'राज्य की टीम हमारी जांच में बाधा डाल रही थी.' बालिका गृह के बाहर इंतजार कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया.

रॉय ने दावा किया कि उन्होंने एनसीपीसीआर टीम को मामले की जांच करने से नहीं रोका, लेकिन कानूनगो इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे थे. उल्लेखनीय है कि 18 मार्च को कक्षा छह की एक छात्रा से उसके स्कूल में कुछ बाहरी लोगों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था. पुलिस के अनुसार, इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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