महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने गुरुवार को अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की ओर से बुलाई गई बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे के प्रति पूरा समर्थन जताया गया. एनसीपी नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, " महाराष्ट्र मे जो कुछ राजनीतिक परिस्थिति निर्माण हुई है उसमें हम उद्धव ठाकरे के साथ पूरी तरह से खड़े हुए हैं." इस बीच, बागी रुख अख्तियार किए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है और 40 से अधिक विधायक इससे समर्थन में आ गए हैं;. मौजूदा हालात में सीएम उद्धव ठाकरे की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है. इस बीच, दो और शिवसेना विधायक, शिंदे और उनके सहयोगी 41 विधायकों के साथ जुड़ने के लिए असम के गुवाहाटी रवाना हुए. शिंदे गुट ने मांग की है कि शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन खत्म करना चाहिए तथा फिर से पुराने सहयोगी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए.
हालात हाथ से निकलते देखकर शिवसेना 'बैकफुट' पर नजर आ रही है. शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने एक ट्वीट किया है, इसमें उन्होंने बागी विधायकों से चर्चा के जरिये मामला सुलझाने की अपील की. बागी विधायकों को संबोधित इस ट्वीट में कहा गया है, 'चर्चा से मार्ग निकल सकता है. चर्चा हो सकती है. घर के दरवाजे खुले हैं. दर-दर क्यों भटक रहे हो? गुलामी झेलने से अच्छा है स्वाभिमान तरीके से निर्णय लें. जय महाराष्ट्र!'
सांसद संजय राउत ने कहा कि हम महाविकास आघाडी सरकार से खुद को अलग करेंगे पर पहले बागी विधायक गुवाहाटी से मुंबई तो वापस आएं. इससे पहले राउत ने अपने विधायकों से व्हाट्सएप और ट्वीट की जगह आमने-सामने बैठकर बात करने की बात कही थी. शिवसेना के दो बागी विधायकों के वापस लौटने के बाद संजय राउत ने पीसी कर कहा कि बागी शिवसेना विधायक 24 घंटे में लौट आएं. हम महाविकास अघाड़ी से निकलने पर विचार करेंगे.
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महाराष्ट्र संकट : पार्टी पर उद्धव ठाकरे की पकड़ क्यों कमजोर पड़ती जा रही है?