'ऐसा जमींदार जो अपनी हवेली भी न संभाल सका', कांग्रेस पर शरद पवार का तीखा तंज

पवार को जब बताया गया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी के एकजुट विपक्ष का चेहरा होने के बारे में बताया गया, तो कांग्रेस के लोग कहते हैं कि उनके पास राहुल गांधी हैं. पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, “सभी दल, खासकर कांग्रेस के सहयोगी अपने नेतृत्व पर अलग रुख अपनाने को तैयार नहीं हैं.”

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शरद पवार ने कहा, “एक समय था जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक कांग्रेस थी लेकिन अब ऐसा नहीं है.
मुंबई:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरूवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह स्वीकार करना चाहिए कि ‘कश्मीर से कन्याकुमारी' तक अब उसका दबदबा वैसा नहीं रह गया है, जैसा कभी हुआ करता था और संकेत दिया कि महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में उनके सहयोगी दल को वास्तविकता की जांच करनी चाहिए.

पवार ने कहा, “एक समय था जब कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कांग्रेस थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. यह (सच) स्वीकार किया जाना चाहिए. यह (तथ्य) स्वीकार करने की मानसिकता (कांग्रेस के अंदर) जब होगी तब नजदीकी (अन्य विपक्षी दलों के साथ) बढ़ जाएगी.”

पवार ने इंडिया टुडे समूह के मराठी डिजिटल मंच ‘मुंबई तक' को बताया, “जब नेतृत्व की बात आती है तो कांग्रेस के मेरे सहयोगी अलग नजरिया रखने के पक्ष में नहीं हैं.”

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पवार को जब बताया गया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी के एकजुट विपक्ष का चेहरा होने के बारे में बताया गया, तो कांग्रेस के लोग कहते हैं कि उनके पास राहुल गांधी हैं. पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, “सभी दल, खासकर कांग्रेस के सहयोगी अपने नेतृत्व पर अलग रुख अपनाने को तैयार नहीं हैं.” यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा अहंकार के कारण है, पवार ने जमींदारों के बारे में एक किस्सा उद्धृत किया जिसने अपनी अधिकांश जमीन खो दी थी और हवेली के रखरखाव में भी असमर्थ था.

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पवार ने कहा, “मैंने उत्तर प्रदेश के जमींदारों के बारे में एक कहानी सुनाई थी जिनके पास काफी जमीन और बड़ी हवेलियां हुआ करती थीं. भू-सीमन कानून के कारण उनकी जमीन कम हो गई. हवेलियां बनी रहीं लेकिन उनके रखरखाव व मरम्मत की क्षमता (जमींदारों की) नहीं रही. उनकी कृषि से होने वाली आय भी पहले जैसी नहीं थी. कई हजार एकड़ से सिमटकर उनकी जमीन 15-20 एकड़ रह गई. जमींदार जब सुबह उठा, उसने आसपास के हरे-भरे खेतों को देखा और कहा कि सारी जमीन उसकी है. वो कभी उसकी थी लेकिन अब नहीं है.”

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यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की तुलना बंजर गांव के पाटिल (प्रमुख) से की जा सकती है, पवार ने कहा कि वह यह तुलना नहीं करना चाहेंगे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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