नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. आज सुबह ही मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. सैनी के अलावा कंवरपाल गुज्जर और मूलचंद शर्मा ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. कंवरपाल मनोहर पार्ट-2 सरकार में शिक्षा मंत्री थे, जबकि मूलचंद शर्मा पिछली सरकार में परिवहन मंत्री थे. साथ ही रणजीत सिंह, जयप्रकाश दलाल और डॉ. बनवारी लाल ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है.
हरियाणा में ‘नायब सरकार'
- नायब सैनी - मुख्यमंत्री (सांसद कुरुक्षेत्र)
- कंवरपाल गुज्जर - कैबिनेट मंत्री (छछरौली विधायक)
- मूलचंद शर्मा - कैबिनेट मंत्री (बल्लभगढ़ विधायक)
- रणजीत सिंह - कैबिनेट मंत्री (रानियां विधायक)
- जेपी दलाल - कैबिनेट मंत्री (लोहारु विधायक)
- डॉ. बनवारी लाल - कैबिनेट मंत्री (बावल विधायक)
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मंगलवार को हरियाणा की राजनीति में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला. सीएम खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और इसके कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया.
बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब देब मौजूद थे. नेता चुने जाने के बाद सैनी ने खट्टर और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया.
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सैनी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में ‘सर्वसम्मति' से भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य नेताओं का आभार जताया.
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं और पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा गया था. राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है. माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है.
सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है. वो भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं. साल 2012 में उन्हें भाजपा ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था और फिर साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए.
हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी. मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री और जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने.
पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खट्टर ने आज जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, तब राज्य मंत्रिपरिषद में उनको मिलाकर कुल 14 मंत्री थे. इसमें चौटाला सहित जजपा के तीन सदस्य भी शामिल थे.
जजपा आगामी लोकसभा चुनाव में हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाह रही थी, लेकिन भाजपा दोनों सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने राज्य की सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी.
वर्तमान में, 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक और जजपा के 10 विधायक हैं. इस गठबंधन को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त था. आंकड़ों के लिहाज से, भाजपा सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है.