125 जिलों से 11 में सिमटा माओवाद, भारत के नक्शे से नक्सल के सफाये की तस्वीर समझिए

Maoism in India: PM मोदी ने एनडीवी वर्ल्ड समिट में नक्सलवाद पर बात करते हुए कहा कि इस बार माओवाद आतंक से मुक्त क्षेत्रों में दिवाली की रौनक कुछ और होने जा रही है. मुझे विश्वास है कि हमारी मेहनत रंग लाएगी और वहां भी खुशियों के दीये जलेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
भारत में अब नक्सलवाद का लाल गलियारा तेजी से सिमटते हुए अपने अंतिम दौर में है.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • 2013 में भारत के 125 जिले नक्सलवाद की जद में थे जबकि अब यह संख्या घटकर केवल 11 जिलों तक सीमित रह गई है.
  • PM मोदी ने NDTV वर्ल्ड समिट में इस बात की जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि देश जल्द इससे मुक्त हो जाएगा.
  • भारत में नक्सलवाद का लाल गलियारा कैसे सिमटा है, आइए देश के नक्शे से समझते हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

Naxal Maoism in India: भारत में नक्सलवाद को एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में लंबे समय तक देखा जाता रहा. लेकिन अब भारत के नक्शे से नक्सल का सफाया होता नजर आ रहा है. एक समय भारत के 125 जिलों में फैला नक्सलवाद अब 11 जिलों में समिट चुका है. शुक्रवार को NDTV वर्ल्ड समिट में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत में माओवादी आतंकवाद का संकट अपने अंत के करीब है. अब वो दिन दूर नहीं, जब देश इस खतरे से मुक्त हो जाएगा. यह मोदी की गारंटी है." नक्सलवाद की जड़ें भारत में कितनी गहराई से जमी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 2013 में भारत के 125 जिलें नक्सलवाद की जद में थे.

NDTV वर्ल्ड समिट में पीएम मोदी ने नक्सलवाद पर की बातें

NDTV वर्ल्ड समिट में ओवादी हिंसा की निंदा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसने दशकों तक विकास को रोका और गरीब ग्रामीणों, किसानों और आदिवासी समुदायों की जान ली. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि माओवादी प्रभाव बहुत कम हो गया है और प्रभावित क्षेत्रों में प्रगति की नई शुरुआत हो रही है.

नक्सल आतंकवाद ने भारत के आदिवासी क्षेत्र में किस कदर तक दुर्दशा मचाई थी, इस पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा- कुछ दिनों पहले दिल्ली में नक्सल आतंकवाद पीड़ित कुछ लोग आए थे. वो सात दिन तक अपनी आवाज सुनाने की गुहार लगाते रहे.

कांग्रेस के इको सिस्टम ने माओवाद अत्याचार को छिपायाः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि गरीब गांव वाले, किसान और आदिवासी, जिनमें से कुछ के अंग कटे हुए थे, हाथ जोड़कर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे ताकि उनकी बात लोगों तक पहुंचे. उन्होंने शहरी नक्सलियों की आलोचना की, जो कथित तौर पर कांग्रेस शासन के दौरान बने अर्बन नक्सल इकोसिस्टम ने माओवादी अत्याचारों को छिपाते थे और संविधान का ढोंग करते थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पहले 125 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे, लेकिन अब केवल 11 जिले बचे हैं, जिनमें से सिर्फ तीन अति संवेदनशील हैं.

2013 में भारत के 125 जिले नक्सल की जद में थे

2013 से पहले भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़िशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तक के कई जिले नक्सलवाद की जद में थे. लेकिन इनमें कई राज्यों के कई जिले नक्सल मुक्त हो चुके हैं.

Advertisement

अभी भारत के ये 11 जिले नक्सल की जद में

बीजापुर, कांकेड़, नारायणपुर, सुकमा, पश्चिम सिंहभूम, गढ़ चिरौली, बालाघाट, कंधमाल, दंतेवाड़ा, गरियाबंद, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी.

पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने कहा कि पिछले 72 घंटों में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. 303 नक्सलियों, जिनमें 1 करोड़ रुपए तक के इनामी बड़े नक्सली शामिल हैं, ने आत्मसमर्पण कर दिया.

2014 के बाद हमारी सरकार ने भटके नौजवानों को लायाः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इसलिए 2014 के बाद हमारी सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ भटके नौजवानों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया. मैं देशवासियों को पहली बार कह रहा हूं कि उन्हें संतोष होगा, वे मुझे आशीर्वाद देंगे. 11 साल पहले तक देश के 125 से ज्यादा जिले माओवादी आतंक से प्रभावित थे, आज यह संख्या सिर्फ 11 जिलों तक सिमट गई है. 

यह भी पढ़ें - NDTV वर्ल्ड समिट के मंच से नक्सलवाद पर क्या कुछ बोले पीएम मोदी, पढ़ें

Featured Video Of The Day
BrahMos Missile News: भारत की शक्ति में नया अध्याय, ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप हुई लॉन्च