नौसेना ने भारत के पश्चिमी तट पर वाणिज्यिक जहाज पर हमले की जांच शुरू की

भारतीय तटरक्षक बल ने शनिवार को कहा कि एमवी केम प्लूटो ने मुंबई की तरफ बढ़ना शुरू क दिया है. इससे पहले उसे हुए नुकसान का आकलन किया गया और बिजली उत्पादन प्रणाली ठीक की गई.

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भारतीय तटरक्षक जहाज विक्रम पोत के गुजरने के दौरान उसकी सुरक्षा करेगा.
नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना ने अरब सागर में भारत के पश्चिमी तट के पास मंगलूर बंदरगाह जाने वाले एक मालवाहक जहाज पर संदिग्ध ड्रोन हमले की जांच शुरू कर दी है. मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वाणिज्यिक जहाज के सोमवार को मुंबई पहुंचने की उम्मीद है.

नौसेना ने कहा, “नौसेना एक्सप्लोसिव ऑर्डनेंस डिस्पोजल (ईओडी) विशेषज्ञ जहाज को साफ करने और आगे की जांच करने के लिए मुंबई पहुंचने पर एमवी केम प्लूटो पर सवार होंगे.” उसने रविवार को कहा कि भारतीय नौसेना सभी हितधारकों के साथ स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और क्षेत्र में वाणिज्यिक नौवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

‘यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस' (यूकेएमटीओ) द्वारा एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन “हमले” की सूचना दिए जाने के तुरंत बाद नौसेना और भारतीय तटरक्षक शनिवार को एक युद्धपोत और समुद्री गश्ती विमान सहित अपने संसाधन तैनात करके कार्रवाई में जुट गए. वाणिज्यिक जहाज में मौजूद चालक दल में 21 भारतीय सदस्य हैं.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सऊदी अरब के अल जुबैल बंदरगाह से नव मंगलूर बंदरगाह पर कच्चा तेल ले जा रहा जहाज पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर हमले का शिकार हुआ. इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

अधिकारियों ने कहा कि लाइबेरिया के ध्वज वाला जहाज अब मुंबई की ओर जा रहा है और भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम उसे सुरक्षा प्रदान कर रहा है. उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक पोत सोमवार को मुंबई पहुंचेगा.

शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया का विवरण साझा करते हुए, नौसेना ने कहा कि उसके “मिशन के लिए तैयार” पोत “एमटी केम प्लूटो पर मिसाइल/ड्रोन हमले से जुड़ी अरब सागर में हुई समुद्री घटना” पर तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए भेजे गए थे..उसने कहा, “23 दिसंबर को लगभग पौने आठ बजे 22 चालक दल (21 भारतीय और एक वियतनामी) वाले जहाज में हमले के बाद आग लगने की सूचना मिली थी, यह हमला मिसाइल या ड्रोन से होने की आशंका है.”

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स्थिति पर प्रतिक्रिया करते हुए, भारतीय नौसेना ने नियमित निगरानी के लिए क्षेत्र में सक्रिय एक समुद्री गश्ती विमान को उधर भेजा.अधिकारियों ने कहा कि नौसेना ने शनिवार को ड्रोन हमले के स्थान पर ‘स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक' आईएनएस मोरमुगाओ को भेजा.

उसने एक बयान में कहा, “नौसेना के समुद्री गश्ती विमान ने 23 दिसंबर को अपराह्न एक बजकर 15 मिनट पर एमटी केम प्लूटो के ऊपर से उड़ान भरी और चालक दल के साथ संपर्क स्थापित किया.” इसमें कहा गया है कि नौसेना ने आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए सभी भारतीय समुद्री नौवहन एजेंसियों को मौजूदा स्थिति का विवरण भी दिया है.

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नौसेना ने कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या किसी सहायता की आवश्यकता है, शाम साढ़े सात बजे जहाज के साथ संचार स्थापित किया. एक अधिकारी ने मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नौसेना ने हमले की उत्पत्ति सहित घटना की जांच शुरू कर दी है.

यह घटना इजराइल-हमास संघर्ष के बीच ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में जहाजों पर हमले तेज करने की पृष्ठभूमि में हुई है.इससे पहले भारतीय तटरक्षक बल ने शनिवार को कहा कि एमवी केम प्लूटो ने मुंबई की तरफ बढ़ना शुरू क दिया है. इससे पहले उसे हुए नुकसान का आकलन किया गया और बिजली उत्पादन प्रणाली ठीक की गई.

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उसने कहा, “भारतीय तटरक्षक जहाज विक्रम पोत के गुजरने के दौरान उसकी सुरक्षा करेगा. भारतीय तटरक्षक संचालन केंद्र स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है.”

इससे पहले शनिवार को, ब्रिटेन की रॉयल नेवी के तहत काम करने वाले यूकेएमटीओ ने कहा कि उसे एक जहाज पर अनक्रूड एरियल सिस्टम (यूएएस) द्वारा हमले की रिपोर्ट मिली, जिससे विस्फोट हुआ और आग लग गई. यह घटना भारत में वेरावल से 200 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में हुई. उसने कहा कि आग “बुझा” दी गई और कोई हताहत नहीं हुआ.

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