निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा (Navneet Rana and Ravi Rana) की जमानत पर मंडरा रहा खतरा फिलहाल टल गया है. दरअसल, मुंबई पुलिस की ओर से जमानत की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में कोर्ट में दायर की गई अर्जी मामले में सांसद की तरफ से बुधवार को कोर्ट में जवाब पेश किया गया. साथ में राणा दंपती के उपस्थित रहने से छूट देने की अर्जी दी गई. इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की ओर से दोनों को उपस्थित से छूट दी. साथ ही मामले की सुनवाई 15 जून तक टाल दी. दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने जमानत की शर्तो के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कोर्ट से राणा दंपती के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग की है.
124(ए) पर अगली सुनवाई तक स्टे
कोर्ट की इस कार्रवाई के संबंध में सरकारी वकील प्रदीप घरत ने बताया कि आज हमें पता चला कि नोटिस की कॉपी नहीं दी गई थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 124 (A) पर अगली सुनवाई तक स्टे लगाया है. लेकिन हमने कहा कि मामला सिर्फ 124 (A) पर नहीं है. दूसरी धाराएं भी लगी हैं, इसलिए उल्लंघन का मामला उन धाराओं के तहत भी बनता है. इधर, इन्ही विवादों के बीच नवनीत राणा के वकील ने रिप्लाई फाइल किया और उपस्थिति से छूट की अर्जी दी, जिसपर कोर्ट ने आज के दिन उपस्थिति से छूट दी. मामले की सुनवाई अब 15 जून को होगी.
जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया
दरअसल, मुंबई पुलिस ने अदालत में अर्जी देकर राणा दंपति, सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की मांग की है. विशेष सरकारी वकील ने अर्जी में लिखा है कि राणा दंपत्ति ने अपने बयानों से जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए जमानत शर्तों के अनुसार उनकी जमानत रद्द कर दी गई है. उनके खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया जाना चाहिए. मालूम हो कि हनुमान चालीसा के पाठ से जुड़े एक मामले में राणा दंपति राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे हैं. राणा दंपत्ति के खिलाफ गैर जमानती वांरट जारी करने की सरकारी पक्ष की मांग पर पहले भी सुनवाई हो चुकी है.
सुनवाई के दौरान विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरत ने कहा था, " राणा दंपत्ति को जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्ते लगाई थीं, जिसका पालन करना था जरूरी था. उसमें तीसरी शर्त यह थी कि आरोपी मामले से जुड़े किसी भी मुद्दे पर मीडिया में कोई टिप्पणी न करें. कोर्ट ने आदेश में कहा था कि शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी. मतलब उन्होंने शर्तो का उल्लंघन किया इसलिए जमानत अपने आप रद्द हो गई. इसलिए मेरी मांग है कि राणा दंपत्ति को कोर्ट में पेश करने का आदेश दें और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करें."
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