- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आवारा पशुओं पर तीन मंत्रालयों ने मास्टर एक्शन प्लान बनाया है.
- देश में आवारा कुत्तों की संख्या 1.53 करोड़ है. 70 प्रतिशत पशुओं की नसबंदी और वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है.
- साल भर में देशभर में 26 लाख से ज्यादा डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं, जिनमें हर पांचवा पीड़ित बच्चा है.
आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशभर में नई जंग छिड़ (Stray Dogs) गई है. कुछ लोग अदालत के फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो वहीं डॉग लवर इससे नाखुश हैं. वह इसे असंवेदनशील बता रहे हैं. आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजे जाने के आदेश के बीच तीन मंत्रालयों ने आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए मास्टर एक्शन प्लान बनाया है. ये मंत्रालय केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय हैं. इनके मास्टर एक्शन प्लान में कहा गया है कि देश में कुल आवारा कुत्तों की संख्या 1.53 करोड़ हैं. इनमें 70% कुत्तों की नसबंदी और उनका वैक्सीनेशन 1 साल के भीतर करने का लक्ष्य रखा गया है.
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तीनों मंत्रालयों का मास्टर एक्शन प्लान
बता दें कि देश में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर केंद्र सरकार ने चिंता जताई है. इसीलिए तीन मंत्रालयों ने मिलकर मास्टर एक्शन प्लान बनाया है. इन्होंने एक एडवाइजरी देश के सभी राज्यों को भेजी है, जिसमें कुत्तों के वैक्सीनेशन और नसबंदी के टारगेट की बात कही गई है. मंत्रालयों ने यह कदम आवारा कुत्तों के काटने और बेसहारा पशुओं की वजह से होने वाले हादसों की शिकायत के बाद उठाया है. बात अगर 2019 की पशुगणना की करें तो इसके मुताबिक देश भर में 50 लाख बेसहारा जानवर हैं.
- देश में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं
- 2019 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ओडिशा में सबसे अधिक 1000 लोगों पर 39.7 कुत्ते हैं
- लक्षद्वीप-मणिपुर में कोई आवारा कुत्ता नहीं है.
- नीदरलैंड्स में भी कोई आवारा कुत्ता नहीं है
- महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा डॉग बाइट के आंकड़ें हैं
- साल भर में देशभर में 26 लाख से ज्यादा डॉग बाइट के केस सामने आ चुके हैं. हर 5 पीड़ित में से एक बच्चा शामिल है. यह आंकड़े पशुपालन और डेयरी विभाग के हैं.
विरोध और पक्ष में क्या तर्क दे रहे हैं लोग
आवारा कुत्तों पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी बहस छिड़ गई है. डॉग लवर्स इसके विरोध में तर्क दे रहे हैं तो वहीं कुछ लोग अदालत के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. राजनेताओं से लेकर फिल्मी हस्तियों तक सबका इस मामले पर अलग-अलग तर्क है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में तर्क जानिए
राहुल गांधी ने क्या कहा- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आवारा कुत्तों को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे है. ये बेज़ुबान कोई "समस्या" नहीं हैं जिन्हें मिटाया जा सके.
प्रियंका गांधी ने क्या कहा- प्रियंका गांधी ने कहा कि कुत्ते सबसे सुंदर और कोमल प्राणी होते हैं, वे इस तरह की क्रूरता के लायक नहीं. आवारा कुत्तों को कुछ ही हफ्तों में शेल्टर होम भेजने का फैसला उनके साथ साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार होगा. उन्हें रखने के लिए जरूरी शेल्टर होम भी नहीं हैं.
सोनाक्षी सिन्हा ने क्या कहा- बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आलोचना करते हुए इसे निराशाजनक बताया. उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "दिन-ब-दिन हम यह दिखा रहे हैं कि एक समाज के रूप में हम कितने भावशून्य हो गए हैं. हर दिन निराशाजनक है. आवारा कुत्ते कोई समस्या नहीं हैं. वे पीड़ित हैं. भय, भूख, बीमारी, उपेक्षा, क्रूरता और परित्याग के शिकार. वे बिना आश्रय, बिना टीकाकरण, बिना नसबंदी के रहते हैं. सड़कों पर बच्चों को जन्म देते हैं, और अपने बच्चों को भी इसी तरह के हालात का सामना करते देखते हैं."
करिश्मा तन्ना ने क्या कहा- एक्ट्रेस करिश्मा तन्ना ने भी इस मामले में अपनी संवेदनाएं जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया. करिश्मा तन्ना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में एक स्ट्रीट डॉग की फोटो साझा की और ऊपर लिखा, "जब आप एक कुत्ते को उसकी गली से हटा देते हैं, तो आप सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि उसकी पूरी दुनिया उससे छीन लेते हैं. वो गली उसका घर है, वो चायवाला उसका दोस्त है, वो स्ट्रीट लाइट उसकी छत है. वे कुछ नहीं मांगते, बस उस दुनिया में जीने का हक जिसमें वे पले-बढ़े हैं. अगर हम उनकी रक्षा नहीं कर सकते, तो हम इंसानियत तो दिखा ही सकते हैं, लेकिन अफसोस हम उसमें भी असफल हो रहे हैं."
एक्टर वीर दास, जाह्नवी कपूर, वरुण धवन और वरुण ग्रोवर समेत कई हस्तियों ने अदालत ने निर्देश की आलोचना की है. जॉन अब्राहम ने भी सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पक्ष में तर्क जानिए
सोशल मीडिया पर बहुत से लोग सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजे जाने के फैसले का स्वागत किया है. एक्स पर एक यूज़र ने लिखा, "डियर स्ट्रे डॉग लवर्स, अगर आप सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को सड़क से हटाने के फैसले से इतने नाराज हैं, तो प्लीज कुछ कुत्तों को अपने घर ले आएं और उन्हें एक प्यारा सा घर दें. उनके वैक्सनेश, ट्रेनिंग, और इलाज का ख़र्च उठाएं. अपनी बात पर अड़े रहें. आवारा कुत्तों को अपने घर की बासी रोटियां खिलाने से आप पशु अधिकार कार्यकर्ता नहीं बन जाते!"
एक अन्य एक्स यूजर ने लिखा, "किसी को भी अपने 3 साल के बच्चे की जान सिर्फ इसलिए जोखिम में नहीं डालनी चाहिए क्योंकि कहीं न कहीं कोई आवारा कुत्तों के प्रति दयालु है. बात इतनी सी है."
वहीं एक और एक्स यूज़र ने लिखा, "अगर आपको दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों के हालात के बारे में पता नहीं है, तो नाइट शिफ्ट में काम करने वालों से पूछिए. मैं खुद एक डॉग लवर हूं, लेकिन आवारा कुत्तों का यह आतंक रुकना चाहिए. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में हूं."
भारत में रेबीज के कितने मामले, कितनी मौतें?
साल 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर के 36% रेबिज के केस भारत में हैं. वैक्सीनेशन उपलब्ध होने के बाद भी लापरवाही कहें या अज्ञानता, इस बीमारी से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है. भारत में रेबीज के कुल 37,15 713 मामले हैं. वहीं 54 लोगों की मौत इस बीमारी से हुई है.
- ओडिशा में रेबीज के 166,792 केस
- उत्तर प्रदेश में रेबीज के 1,64,009 केस
- बिहार में रेबीज के 2,63, 930 केस
- उत्तराखंड में रेबीज के 23,091 केस
- असम में रेबीज के 1,66,232 केस
मेनका गांधी ने उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आवारा कुत्तों पर मेनका गांधी का दर्द भी छलक उठा. पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आदेश की कड़ी आलोचना करते हुए इसे आर्थिक रूप से अव्यावहारिक और क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन के लिए संभावित रूप से हानिकारक करार दिया है.
मेनका गांधी
मेनका गांधी ने कहा कि सरकार को ऐसी 2-3 हजार जगहें देखनी होंगी, यहां लोग नहीं रहते हों. मान लीजिए अगर 100 कुत्तों को डिफेंस कॉलोनी में लोगों के बीच छोड़ दिया जाए तो सोचिए क्या होगा. इसीलिए 3 हजार ऐसी जगहें देखनी होंगी, जहां कोई रहता न हो. मेनका ने कहा कि कुत्तों के रख-रखाव और उनकी देखभाल पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. क्या दिल्ली के पास इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये हैं?”