निर्भया कांड के बाद देश ने क्या सीखा, रेप पर NCRB के आंकड़े बताते हैं कि कुछ नहीं

दिल्ली में 2013 के निर्भया कांड के बाद सरकार को बलात्कार से जुड़े कानून को बदलाव लाना पड़ा था. इसमें फांसी की सजा का प्रावधान किया गया. लोगों की लगा कि इससे बलात्कार के आंकड़ों में कमी आएगी. लेकिन सरकार के आंकड़े बताते हैं कि हालात अभी भी वैसे ही हैं.

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नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात एक चलती हुई बस में नर्सिंग की एक छात्रा के साथ दरिंदगी की गई थी. की सारी हदें पार की गईं.छह लोगों से उसके साथ बलात्कार किया और लहुलुहान कर सड़क पर फेंक दिया था. कई दिन के इलाज के बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. इस घटना से देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई थी. लोगों ने इस घटना को 'निर्भया कांड' का नाम दिया. लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. उन्हें मार्च 2020 में फांसी की सजा दी गई थी. इस हत्याकांड के बाद बलात्कार से जुड़े कानून को बदलना पड़ा था. आइए देखते हैं कि 2013 और 2022 के बीच बलात्कार के कितने मामले सामने आए हैं. 

भारत में बलात्कार के आंकड़े

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) देशभर में होने वाले अपराधों के आंकड़ों को जुटाकर उनका विश्लेषण करता है. एनसीआरबी की ओर से 2022 के लिए जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में महिलाओं के खिलाफ चार लाख 45 हजार 256 मामले दर्ज किए गए. इससे पहले 2021 में चार लाख 28 हजार 2789 मामले दर्ज किए गए थे. इन दो सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में चार फीसदी का उछाल देखा गया. महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामले में सबसे अधिक 31.4 फीसदी मामले उनके पतियों या रिश्तेदारों पर क्रूरता के दर्ज किए गए. इसके बाद अपहरण के मामलों का नंबर आता है. महिलाओं पर अपराध के दर्ज मामलों में से 19.2 फीसदी मामले अपहरण के थे. वहीं 18.7 फीसदी मामले  उनके साथ अभद्रता के दर्ज किए गए. महिलाओं के खिलाफ अपराध के 7.1 फीसदी मामले बलात्कार के थे. 

एनसीआरबी के आकंड़ों के मुताबिक देश भर में रेप की 31 हजार 516 मामले दर्ज किए गए. इन घटनाओं में 31 हजार 982 महिलाएं पीड़ित थीं. देशभर में दर्ज हुए रेप के कुल  मामलों में से 30 हजार 512 मामले 18 साल से अधिक की महिलाओं के साथ हुए. इनमें 30 हजार 965 महिलाएं पीड़ित थीं. वहीं अगर 18 साल से कम आयु की लड़कियों के खिलाफ दर्ज मामलों की बात करें तो इस तरह के कुल एक हजार 4 मामले दर्ज किए गए. इन घटनाओं में एक हजार 17 लड़कियां पीड़ित थीं. 

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कहां सबसे अधिक हुईं बलात्कार की घटनाएं

महिलाओं के साथ बलात्कार के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए. राजस्थान में बलात्कार के पांच हजार 399 मामले दर्ज किए गए. इनमें पांच हजार 408 महिलाएं पीड़ित थीं. वहीं अगर 18 साल से अधिक आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार की बात करें तो राजस्थान में जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, वो सभी इसी आयु वर्ग की थी. राजस्थान के बाद अगला नंबर उत्तर प्रदेश का था. वहां कुल तीन हजार 690 महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया. इनमें से तीन हजार 232 मामले 18 साल से अधिक आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार के थे. इनमें तीन हजार 233 महिलाएं पीड़त थीं. वहीं 18 साल से कम आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार के 458 मामले दर्ज किए गए. इसमें 459 महिलाएं पीड़ित थीं. 

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वहीं अगर हम उस राज्य की बात करें, जहां बलात्कार के मामले सबसे कम दर्ज किए गए, तो वह राज्य है नगालैंड.वहां बलात्कार के केवल सात मामले ही दर्ज किए गए. इनमें से छह मामले 18 साल से अधिक आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार के साथ के थे. वहीं अगर 18  साल से कम आयु की महिलाओं  के साथ बलात्कार की बात करें तो केवल एक महिला के साथ बलात्कार हुआ. 

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केंद्र शासित राज्यों में सबसे अधिक बलात्कार कहां हुए

वहीं अगर केंद्र शासित राज्यों में बलात्कार की बात करें तो सबसे अधिक एक हजार 212 मामले दर्ज किए गए. इनमें एक हजार 212 महिलाएं पीड़ित थीं.वहीं 18 साल से कम आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना नहीं दर्ज की गई. दिल्ली के बाद बलात्कार के 287 मामले दिल्ली में दर्ज किए गए. वहां भी सभी मामलों में पीड़ित महिलाएं 18 साल से अधिक आयु की थीं. वहां 18 साल से कम आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार की कोई घटना नहीं दर्ज की गई.

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वहीं अगर बलात्कार के बाद हत्या के मामलों की बात करें तो देश में इस तरह के 248 मामले सामने आए. इनमें 250 महिलाएं पीड़ित थीं. इनमें सबसे अधिक 62 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. इनमें 62 महिलाओं को शिकार बनाया गया था. वहीं अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मनिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम में बलात्कार के बाद हत्या का एक भी मामला दर्ज किया गया.वहीं अगर केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो सबसे अधिक दो मामले दादरा, नगर हवेली में दर्ज किए गए. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बलात्कार के बाद हत्या का कोई मामला नहीं दर्ज किया गया.  

बलात्कार के मामले बढ़े या घटे

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 1971 से बलात्कार के मामलों का रिकॉर्ड रख रहा है. साल 2013 में बलात्कार के 33 हजार 707 मामले दर्ज किए गए. वहीं इस साल कुल 26 लाख 47 हजार 722 मामले दर्ज किए गए थे. इस तरह हम पाते हैं कि 1971 और 2013 के बीच में बलात्कार के मामलों में 1255.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं 2022  में बलात्कार के 31 हजार 516 मामले दर्ज किए गए. इस तरह हम पाते हैं कि 2013 और 2022 के बीच बलात्कार के मामलों में दो हजार 191 मामलों की कमी आई है. 

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