शपथ ग्रहण समारोह : नितिन गडकरी ने ली शपथ, जानिए आपातकाल से मोदी सरकार तक का सफर

नितिन गडकरी पिछली मोदी सरकार में सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में शुमार थे. यही कारण है कि पीएम मोदी ने एक बार फिर उन पर विश्‍वास जताया है.

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नई दिल्‍ली:

मोदी सरकार 3.0 में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंत्री पद की शपथ ली. गडकरी 2014 और 2019 में भी मोदी सरकार में मंत्री थे. इस बार गडकरी को लगातार तीसरी बार मंत्री बनाया गया है. सड़क एवं परिवहन के क्षेत्र में मंत्री रहते गडकरी ने उल्‍लेखनीय कार्य किया है. पिछले 10 सालों में इस क्षेत्र के काम को लोगों ने पसंद किया है और गडकरी पिछली मोदी सरकार में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में से एक हैं. यही कारण है कि पीएम मोदी ने एक बार फिर गडकरी पर विश्‍वास जताया है. नितिन गडकरी महाराष्‍ट्र की नागपुर लोकसभा सीट से जीतकर संसद में पहुंचे हैं. गडकरी ने पहले राज्य स्तर और फिर केंद्र में सड़क परिवहन मंत्रालय में अपने काम को इतनी कुशलता से किया कि लोगों के बीच वह ‘‘हाईवे मैन ऑफ इंडिया'' एवं ‘रोडकरी' के नाम से मशहूर हुए.

27 मई 1957 को जन्‍मे नितिन गडकरी महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक मध्यमवर्गीय कृषि परिवार में 1957 में जन्मे गडकरी बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में छात्र नेता के रूप में काम करते हुए उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा की सदस्यता ली. उन्‍होंने कॉमर्स में पोस्‍ट ग्रेजुएशन के बाद कानून की पढ़ाई की और बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्‍लोमा हासिल किया. 

1995 से 1999 के बीच गडकरी महाराष्‍ट्र सरकार में पीडब्‍ल्‍यू मंत्री रहे. यही वह पहला दौर था जब गडकरी को बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू करने का अनुभव मिला. वहीं मंत्री रहते उन्‍होंने मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे का निर्माण करवाया. 

भाजपा के सबसे युवा अध्‍यक्ष रहे गडकरी 

गडकरी 1989 में महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने और वह 1999-2005 तक महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे. वहीं 2009 में उन्‍हें भाजपा का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाया गया. इस पद पर आसीन होने वाले गडकरी पार्टी के सबसे युवा अध्यक्ष थे. वे इस पद पर 2013 तक रहे. भाजपा के वरिष्‍ठ नेता नितिन गडकरी को आरएसएस का करीबी माना जाता है. 

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सड़कों के विकास के लिए उनके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के चलते शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने एक बार गडकरी को नितिन ‘रोडकरी' कहा था.

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मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में गडकरी जब एक बार लोकसभा में सदस्यों के बंदरगाह संबंधी प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे तो उनके जवाबों पर संतोष जताते हुए तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि गडकरी पहले ‘रोडकरी' कहलाए और अब उन्हें ‘पोर्टकरी' कहा जाना चाहिए. 

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... जब PM मोदी ने पूछा था कौनसा मंत्रालय चाहिए 

एक बार एक टीवी चैनल से बातचीत में गडकरी ने कहा था, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुझसे पूछा था कि मुझे कौन-सा मंत्रालय चाहिए? मैंने उन्हें बताया कि मैं सड़क और परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालना चाहता हूं, क्योंकि मैंने पहले भी यह जिम्मेदारी उठाई है और इस काम में मुझे आनंद मिलता है. इस पर मोदी ने कहा कि यह मंत्रालय शीर्ष 4-5 मंत्रालयों में नहीं आता है, लेकिन इसके बावजूद मैंने कहा कि मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है.''

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एक लाख से ज्‍यादा वोटों से जीते गडकरी 

इस बार नितिन गडकरी नागपुर लोकसभा सीट से 1,37,603 वोटों से कांग्रेस के विकास ठाकरे को हराकर संसद में पहुंचे हैं. गडकरी ने लगातार तीसरी बार यहां से जीत दर्ज की है.  

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