अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर दस्तखत कर दिए हैं. इसमें अमेरिका ने अपने व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10 से 50 फीसदी के बीच अतिरिक्त मूल्य-आधारित (ऐड-वैलोरम) टैरिफ लगाने की घोषणा की है. 10 फीसदी शुल्क इस साल पांच अप्रैल से प्रभावी होगी. बाकी का टैरिफ नौ अप्रैल से लागू होगा. इस कार्यकारी आदेश के परिशिष्ट-I के मुताबिक भारत पर अतिरिक्त शुल्क 27 फीसदी है. केंद्रीय उद्योग और व्यापार मंत्रालय ट्रंप की इन घोषणाओं का भारत पर पड़ने वाले प्रभावों का अघ्यययन कर रहा है. इसके लिए वह हित धारकों के साथ बातचीत कर उनका आकलन भी जुटा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप की घोषणाओं का क्या पड़ेगा प्रभाव
एक अमेरिकी राष्ट्रपति की इन घोषणाओं का क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका अध्ययन केंद्रीय वाणिज्य विभाग कर रहा है. वह विकसित भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए विभाग सभी हितधारकों, जिसमें भारतीय उद्योग और निर्यातक शामिल हैं,उनसे बातचीत कर रहा है. विभाग यह जानने की कोशिश कर रहा है कि भारतीय उद्योग और निर्यातकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. उनकी प्रतिक्रिया लेकर स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है. विभाग नई अमेरिकी व्यापार नीति से पैदा होने वाले अवसरों का भी अध्ययन कर रहा है.
किस दिशा में जा रही है भारत-अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल 13 फरवरी को 'मिशन 500' की घोषणा की थी. इसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक कर 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है.इसके बाद से भारत और अमेरिकी एक लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं. इनमें आपसी हित के व्यापक मुद्दे और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को और बेहतर बनाना शामिल है. यह वार्ता व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में और बढ़ोतरी पर केंद्रित है.
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