Modi Cabinet 2.0 reshuffle: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट को 'नया रूप' दिया गया है. राष्ट्रपति भवन के अशोक हाल में बुधवार को हुए कैबिनेट विस्तार में 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है. कैबिनेट फेरबदल में जहां कई नए मंत्री बनाए गए हैं, वहीं अब तक अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को 'प्रमोट' भी किया गया है. कैबिनेट में शामिल नए मंत्रियों में नारायण राणे, सर्वानंद सोनोवाल, वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पशुपति कुमार पारस प्रमुख हैं. किरेन रिजीजू, हरदीप सिंह पुरी और मनसुख मंडाविया सहित कुछ मंत्रियों को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से प्रमोट करते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से कार्यक्रम की शुरुआत की इजाजत दिए जाने के बाद सबसे पहले राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली जो महाराष्ट्र के सीएम का पद संभाल चुके हैं. वे पहले शिवसेना में थे, बाद में कांग्रेस से होते हुए वे बीजेपी में शामिल हो गए. राणे के बाद सर्वानंद सोनोवाल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की, खास बात यह है कि वे भी असम के सीएम का पद संभाल चुके है. सोनोवाल, मोदी सरकार के पहले कार्यक्रम में खेल मंत्री संभाल चुके हैं. इससे बाद बारी थी डॉ वीरेंद्र कुमार (कैबिनेट मंत्री ) की जो मध्यप्रदेश की टीकमगढ़ सीट से बीजेपी सांसद हैं. मध्य प्रदेश के एक अन्य सांसद (राज्यसभा) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसके बाद कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की, वे कांग्रेस ने पिछले वर्ष ही बीजेपी में शामिल हुए हैं और उनकी गिनती एमपी के कद्दावर नेताओं में होती है. ज्योतिरादित्य सिंधिया, मनमोहन सिंह सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. बिहार के रामचंद्र प्रसाद सिंह (कैबिनेट मंत्री ) ने भी शपथ ग्रहण की. अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रहे अश्विन वैष्णव ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली, वे ओडिशा से बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं. रामचंद्र प्रताप सिंह और अश्विनी वैष्णव प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं. NDA के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस ने इसके बाद कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली, पशुपति और उनके भतीजे चिराग पासवान की बीच एलजेपी का अंदरूनी कलह हाल ही में सुर्खियों में रहा है. बिहार की नीतीश कुमार सरकार में भी वे मंत्री रह चुके हैं.
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इसके बाद किरेन रिजीजू ने शपथ ली, उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से पदोन्नत करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. इसके बाद बिहार के ही आरके सिंह ने शपथ ली. उन्होंने भी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से पदोन्नत करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वे गृह सचिव भी रह चुके हैं. हरदीप सिंह पुरी ने इसके बाद शपथ ली, इन्हें भी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से पदोन्नत करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया. ये भी इंडियन फॉरेन सर्विस में सेवाएं दे चुके हैं. इसके बाद बारी थी मनसुख मंडाविया की, इन्हें भी अच्छे परफॉर्मेंस के कारण प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. 12वें नंबर पर बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने इसके बाद कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, इससे पहले वे संगठन में अहम जिम्मेदारी संभालते आए हैं. 13वें नंबर पर गुजरात से प्रमुख बीजेपी नेता पुरषोत्तम रुपाला ने शपथ ली, जिन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से पदोन्नत करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया. 14वें नंबर पर तेलंगाना से बीजेपी सांसद जी किशन रेड्डी ने शपथ ली, जिन्हें प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.इसके बाद हिमाचल से सांसद अनुराग ठाकुर ने शपथ ली, जो अभी वित्त राज्य मंत्री थे जिन्हें प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. यूपी से लोकसभा सांसद पंकज चौधरी ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली, वे महाराजगंज सीट से बीजेपी सांसद हैं. 17वें नंबर पर अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, वे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी मंत्री रह चुकी हैं. 18वें नंबर पर एसपीसिंह बघेल ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. वे यूपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. कर्नाटक से राजीव चंद्रशेखर ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. वे संसद में बेहद मुखरता से मुद्दे उठाते रहे हैं और कई संसदीय समिति के सदस्य रह चुके हैं. 20वें नंबर पर कर्नाटक की एक अन्य सांसद शोभा करलांदजे ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
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21वें नंबर पर यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र से भानुप्रताप वर्मा ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. वे यूपी के जालौन से बीजेपी सांसद है और पांचवीं बार लोकसभा चुनाव जीता है. 22वें नंबर पर सूरत से आने वाली दर्शना विक्रम ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, वे ओबीसी समुदाय से आती हैं, बीजेपी महिला मोर्चा में कई पद संभाल चुकी हैं. 23वें नंबर पर दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. दिल्ली से बीजेपी सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन को हटाए जाने के बाद उन्हें मंत्री बनाकर 'संतुलन' साधा गया है. वे सुप्रीम कोर्ट की बड़ी वकील हैं. वो लगातार दूसरी बार नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद हैं. 24वें नंबर पर अन्नपूर्णा देवी ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. वे झारखंड के कोडरमा से लोकसभा सांसद हैं. झारखंड सरकार में भी मंत्री पद संभाल चुकी हैं. 25वें नंबर पर ए नारायणस्वामी ने शपथ ली, ये अनुसूचित जाति से आते हैं. 26वें नवंबर पर यूपी की मोहनलाल गंज सीट से सांसद कौशल किशोर ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. 26वें नवंबर पर यूपी की मोहनलाल गंज सीट से सांसद कौशल किशोर ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. उत्तराखंड से अजय भट्ट ने इसके बाद राज्यमंत्री के तौर शपथ ली, वे नैनीताल सीट से बीजेपी सांसद है, कद्दावर नेता हरीश रावत को हराया था. उत्तराखंड सरकार मे भी मंत्री पद संभाल चुके हैं. 28वें नंबर पर यूपी से सांसद बीएल वर्मा ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. संघ से जुड़े रहे हैं और यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के करीबी माने जाते हैं. 29वें नंबर पर अजय कुमार मिश्रा ने शपथ ली, जो यूपी की खीरी सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं. 30वें नंबर पर देवूसिेंह चौहान ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली जो गुजरात से खेड़ा से सांसद हैं और ओबीसी वर्ग से आते हैं.31वें नंबर पर भगवंत खुबा ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. 31वें स्थान पर कर्नाटक की बीदर लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद खुबा ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.इसके बाद महाराष्ट्र से कपिल मोरेश्वर पाटिल ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. उन्होंने सरपंच के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वो वर्ष 2014 में एनसीपी को छोड़कर बीजेपी में आए थे.
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33वें नंबर पर त्रिपुरा पश्चिम से सांसद प्रतिमा भौमिक ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. उन्होंने वहां लंबे समय से त्रिपुरा में सत्तासीन रहे वामदलों के खिलाफ सक्रियता से कार्य कर बीजेपी की जीत में अहम योगदान दिया था. वो त्रिपुरा से पहली केंद्रीय मंत्री हैं. वो पूर्वोत्तर से 5वीं केंद्रीय मंत्री हैं.34वें नंबर पर पश्चिम बंगाल से सुभाष सरकार ने भी राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. वो पहली बार लोकसभा सांसद बने हैं. सुभाष पेशे से डॉक्टर हैं और मेदिनीपुर से ताल्लुक रखते हैं. वो पश्चिम बंगाल की बांकुरा सीट से सांसद हैं. 35वें नंबर पर महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद भागवत कराड ने भी राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. वो 2020 से राज्यसभा सांसद हैं.36वें स्थान पर मणिपुर से ताल्लुक रखने वाले आरके रंजन सिंह ने अंग्रेजी में राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. वो इनर मणिपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. मणिपुर में अगले साल लोकसभा चुनाव हैं.37वें स्थान पर महाराष्ट्र के खानदेश से ताल्लुक रखने वाली भारती पवार को राज्य मंत्री बनाया गया है. वो पेशे से डॉक्टर हैं औऱ डिंडोली लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बनी हैं. आदिवासी समुदाय से आती हैं.38वें स्थान पर ओडिशा से विश्वेश्वर टुडू ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. मयूरभंज सीट से लोकसभा सांसद हैं.ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले वो तीसरे मंत्री हैं. 39वें नंबर पर शांतनु ठाकुर ने अंग्रेजी में राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. मतुआ समुदाय से संबंध रखते हैं. बंगाल की बनगांव सीट से पहली बार सांसद चुने गए हैं. गुजरात से मुंजपारा महेंद्र भाई ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. दो रुपये फीस लेकर आठ लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके महेंद्र भाई काफी लोकप्रिय हैं. वो ओबीसी समुदाय से आते हैं. गुजरात से ताल्लुक रखने वाले वो पांचवें मंत्री हैं.41वें नंबर पर पश्चिम बंगाल के अलीपुर द्वार लोकसभा सीट से सांसद जॉन बारला ने भी राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. 14 साल की उम्र में चाय बागान में मजदूर के तौर पर उन्होंने काम किया था. चाय बागान मजदूरों के अधिकारों के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी. वो ईसाई समुदाय से आते हैं.42 वें नंबर पर तमिलनाडु से डॉ. एल मुरुगन ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. 44 साल के मुरुगन ने मद्रास हाईकोर्ट में 15 साल तक वकालत की है और वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं.आखिरी यानी 43वें नंबर पर नितीश प्रभाणिक ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. पश्चिम बंगाल की कूच बिहार सीट से पहली बार सांसद चुने गए हैं.उन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली.