सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मंगलवार को जमानत दे दी. संजय सिंह की मां राधिका सिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि जब उसको गिरफ्तार किया गया था, तब हम सब काफी रोए थे. क्योंकि ईडी की टीम जब घर आई थी तब सर्च के दौरान उन्हें कोई सबूत भी नहीं मिले थे, फिर अचानक वो संजय को अपने साथ ले गए.
संजय सिंह की मां ने कहा कि आज जब उसके जमानत की खबर मिली तो काफी खुश हूं. मेरा बेटा ईमानदार और बेकसूर है. पार्टी से पहली जमानत मिली है, इसीलिए और भी खुशी है. उन्होंने संजय सिंह की जमानत के लिए भगवान और सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अगर सिंह को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है.
संजय सिंह की रिहाई ऐसे समय में हो रही है जब आम आदमी पार्टी के सामने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नेतृत्व का संकट है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
पीठ ने कहा कि सिंह पूरे मुकदमे के दौरान जमानत पर बाहर रहेंगे और उनकी जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी. ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी से निर्देश ले लिए हैं और अगर संजय सिंह को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है.
पीठ ने कहा कि सिंह को दी गई जमानत को ‘मिसाल' के तौर पर नहीं लिया जाएगा. इसका आशय हुआ कि इस जमानत आदेश से अरविंद केजरीवाल समेत जेल में बंद अन्य आप नेताओं को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है.
पीठ ने इससे पहले सुबह के सत्र में राजू से इस बारे में निर्देश प्राप्त करने को कहा था कि क्या ईडी को संजय सिंह की और हिरासत की जरूरत है. शीर्ष अदालत सिंह की जमानत याचिका पर और धनशोधन मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी.
पीठ ने राजू से कहा कि उनके पास से कोई राशि नहीं मिली है और दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोपों की जांच सुनवाई के दौरान हो सकती है. राजू ने कहा कि वह भोजनावकाश के बाद के सत्र में सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ उनकी दलीलों पर जवाब देंगे.
जांच एजेंसी ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका का विरोध किया था और दावा किया था कि सिंह 2021-22 की आबकारी नीति अवधि से संबंधित दिल्ली शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छिपाने, फैलाने और उपयोग करने में शामिल थे.
ईडी का धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से संबंधित है. सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (अब रद्द की जा चुकी) को बदलते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.