दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज के रूप में अपने पहले सफर पर शुक्रवार को वाराणसी से रवाना हुआ 'एमवी गंगा विलास' (MV Ganga Vilas River Cruise) शाकाहारी भारतीय खानपान, अल्कोहल-मुक्त पेय, स्पा और चिकित्सकीय मदद जैसी कई सुविधाओं से लैस है. हालांकि, इस लक्जरी क्रूज (River Cruise) पर सफर करने के लिए मोटी कीमत चुकानी होगी. पांच राज्यों और बांग्लादेश की 51 दिन की यात्रा के लिये एक यात्री का किराया करीब 50-55 लाख रुपये होगा.
कितनी है वेटिंग?
इतनी ऊंची कीमत के बावजूद इस क्रूज पर सफर करने की मंशा रखने वाले लोगों को एक साल से अधिक समय तक इंतजार करना होगा. इसकी वजह यह है कि यह क्रूज मार्च 2024 तक पहले ही बुक हो चुका है. इसका मतलब है कि एमवी गंगा विलास क्रूज से वाराणसी-डिब्रूगढ़ का सफर तय करने के लिए किसी व्यक्ति को अप्रैल 2024 तक इंतजार करना होगा. नई बुकिंग अगले साल अप्रैल से ही उपलब्ध है.
51 दिनों का होगा सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस क्रूज को हरी झंडी दिखाकर 51 दिनों के लंबे सफर पर रवाना किया. इस दौरान यह क्रूज भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश के जल-क्षेत्रों से होकर असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. गंगा विलास क्रूज के पहले सफर पर 32 विदेशी पर्यटक रवाना हुए हैं.
50 लाख से लेकर 55 लाख होगा किराया
इस क्रूज का परिचालन करने वाली कंपनी अंतरा लग्जरी रिवर क्रूजेज की उपाध्यक्ष सौदामिनी माथुर ने कहा कि दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज पर डिब्रूगढ़ तक का एक यात्री का किराया 50 लाख से लेकर 55 लाख रुपये होगा. उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक सीटें पूरी तरह बुक हो चुकी हैं. उसके बाद की ही बुकिंग उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि पहले से बुकिंग कराने वाले ज्यादातर यात्री अमेरिका और यूरोपीय देशों के हैं.
क्रूज में नहीं मिलेगा नॉन-वेज और अल्कोहल
माथुर ने बताया कि देश में बने इस पहले क्रूज जहाज में यात्रियों को स्थानीय भोजन और मौसमी सब्जियां ही परोसी जाएंगी. कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी राज सिंह ने कहा कि क्रूज पर पूरी तरह शाकाहारी भोजन ही परोसा जाएगा. इसके अलावा किसी भी तरह का अल्कोहल भी नहीं परोसा जाएगा. इस क्रूज की कमान 35 साल का अनुभव रखने वाले कैप्टन महादेव नाइक के पास है. चालक दल में कुल 39 सदस्य तैनात हैं.
इन राज्यों से गुजरेगा क्रूज
एमवी गंगा विलास पोत 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है. ये आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है. सभी 18 सुइट में बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं, जहां से शानदार नजारा देखा जा सकता है. अपनी लंबी यात्रा में यह क्रूज विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगा. यात्री बिहार योग विद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी जाएंगे.
गंगा विलास क्रूज के पहले सफर के यात्री नेगार क्रीगर ने गंगा नदी से होकर सफर करने को अपने लिए बेहद खास अनुभव बताते हुए कहा, 'यह जिंदगी में एक बार होने वाला अनुभव है, इससे वंचित नहीं रहा जा सकता है.' थॉमिएन क्रिस्टियन की भी कुछ ऐसी ही राय है. स्विट्जरलैंड के क्रिस्टियन ने कहा, 'इस क्रूज पर सब कुछ शानदार है.'
एक आधिकारिक बयान के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक नदी क्रूज बाजार में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2027 तक कुल क्रूज बाजार का इसकी हिस्सेदारी 37 प्रतिशत होने की उम्मीद है. रिवर क्रूज बाजार में यूरोप काफी आगे है. भारत में कोलकाता और वाराणसी के बीच आठ रिवर क्रूज जहाज चल रहे हैं. बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय जलमार्ग 2 (ब्रह्मपुत्र) पर 10 यात्री टर्मिनलों का निर्माण चल रहा है, जो नदी क्रूज की संभावना को और मजबूत करेगा.
ये भी पढ़ें:-
गंगा विलास क्रूज : 5 स्टार जैसी सुविधाएं, एक रात का इतना होगा किराया, 51 दिन में पूरी होगी यात्रा
"ऐतिहासिक क्षण" : 'गंगा विलास' क्रूज़ को लॉन्च करने के बाद पीएम मोदी के भाषण की खास बातें
गंगा विलास क्रूज : स्वीडन के 31 पर्यटक सवार, 51 दिनों में करीब 3200 किमी की दूरी करेगा तय