मुजफ्फरनगर के पीड़ित छात्र के पिता ने NDTV से कहा- मेंटल ट्रॉमा से गुजरा बेटा, टीचर पर हो सख्‍त कानूनी कार्रवाई

पीड़ित बच्चे के पिता ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बेटे की जिम्‍मेदारी उठाई है. वह अब करीब 5 किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में पढ़ेगा.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं, हमारा यहां सभी से भाईचारा- पीडि़त बच्‍चे के पिता
नई दिल्‍ली:

उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के उस निजी स्कूल को प्रबंधन ने सोमवार को तीसरे दिन भी बंद रखा, जहां एक शिक्षिका द्वारा दूसरी कक्षा के एक छात्र को सहपाठियों से थप्पड़ लगवाने की कथित घटना हुई थी. इस दौरान पीड़ित बच्चे के पिता ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि इस घटना के बाद बेटे ने अपने आप को शारीरिक से ज्‍यादा, मानसिक रूप से अधिक पीड़ित महसूस किया है. साथ ही बताया कि बच्‍चे ने दो दिनों तक खाना तक नहीं खाया. 

स्‍कूल में थप्‍पड़ की घटना के बाद बेटा मानसिक रूप से परेशान हो गया

पीड़ित बच्चे के पिता ने एनडीटीवी को बताया, "स्‍कूल में थप्‍पड़ की घटना के बाद मेरा बेटा मानसिक रूप से परेशान हो गया था. उसने दो दिन खाना नहीं खाया और वह बहकी-बहकी बातें कर रहा था. इसके बाद हमने उसको एकांत में रखा, जिसकी वजह से अब उसकी तबीयत ठीक है. लोगों के आने-जाने और भीड़भाड़ की वजह से भी बच्चे की थोड़ी स्थिति खराब हो गई थी. बच्चे ने अपने आप को मानसिक रूप से ज्यादा पीड़ित महसूस किया. डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कहा कि बच्चे को एकांत की जरूरत है." 

हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं, हमारा यहां सभी से भाईचारा

पिता ने कहा कि इतने छोटे बच्चों को पिटवाने के लिए टीचर पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. कुछ लोग इसे हिंदू-मुस्लिम के नजरिये से देख रहे हैं, लेकिन ये हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं है. हमारा यहां सभी से भाईचारा है. आप जानते हैं कि जब छोटे बच्चे पर इस तरह का अत्याचार होता है तो वह किस स्थिति से गुजरता है...? हमारी मांग है कि इस मामले में टीचर पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

अब यहां पढ़ेगा पीडि़त बच्‍चा

पीडि़त बच्‍चे के पिता ने कहा था कि अब वह बेटे को उस स्‍कूल में नहीं भेजेंगे, जिसमें उसकी पिटाई हुई. ऐसे में अब बच्‍चा कहां पढ़ेगा..? बच्‍चे के पिता ने बताया," जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बेटे की जिम्‍मेदारी उठाई है. वह अब करीब 5 किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में पढ़ेगा. बेटे के बारे में अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी साहब जो करेंगे, वो अच्छा ही करेंगे. 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद  के संयोजक मौलाना मुकर्रम क़ासमी ने कहा कि हमारी संस्था ने फैसला किया है कि बच्चों को गोद लिया जाए. बच्चा जब तक जो भी पढ़ना चाहेगा, तब तक उसका सारा खर्च जमीयत उलेमा-ए-हिंद अपनी तरफ से करेगी. यहां से 5 किलोमीटर दूर में एक स्कूल है, वहां पर बच्चों का एडमिशन करवा रहे हैं. अब बच्चा कहीं भी पढ़ना चाहेगा, तो हमारी संस्था उसको पढ़ाएगी और खर्च उठाएगी. हमने बच्चे से पूछा तो उसने कहा- हम अफ़सर बनना चाहते हैं. इस हादसे को हम भुलाने की कोशिश कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें :- 

Featured Video Of The Day
Gita Gopinath Exclusive: क्यों सबसे तेज रहेगी इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ? | India Economy | NDTV India
Topics mentioned in this article