मुजफ्फरनगर : संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को ''भारत बंद'' का ऐलान किया

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महापंचायत में कहा कि तीन कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत हुई.
लखनऊ/मुजफ्फरनगर:

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में 27 सितंबर को ''भारत बंद'' का ऐलान किया. दूसरी तरफ किसान महापंचायत को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) समेत विभिन्न दलों की अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आई. संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की थी लेकिन रविवार को मुजफ्फरनगर की महापंचायत में कहा गया कि अब ‘भारत बंद' 27 सितंबर को होगा. किसान मोर्चा ने कहा है कि 27 सितंबर को ‘भारत बंद' के दौरान देश में सब कुछ बंद रहेगा.

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि तीन कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक कोई ताकत हमें वहां से हटा नहीं सकती.”

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले नौ महीने से दिल्‍ली बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं. किसान महापंचायत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा, ''राकेश टिकैत किसान नहीं हैं और पंजाब व हरियाणा के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को इस आयोजन में लाया गया था. वे (संयुक्त किसान मोर्चा) केवल अपने राजनीतिक हित के लिए किसानों का उपयोग कर रहे हैं और यह केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें हैं जो वास्तव में किसानों के कल्‍याण के लिए काम कर रही हैं.”

Advertisement

उन्होंने कहा कि असली किसान खेतों में काम कर रहा है और किसी विरोध में भाग नहीं ले रहा है जिसके चलते राज्य में विभिन्न फसलों का भरपूर उत्पादन हुआ है.

Advertisement

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी एक बयान में उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इन तीन कृषि कानूनों का एक बार पुनः विरोध करते हुए कहा, “किसान इस देश की आवाज हैं. किसान देश का गौरव हैं, किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता. खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है.” वाड्रा ने अपना यह वक्तव्य कांग्रेस पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हो रही किसान महापंचायत के समर्थन में दिया है.

Advertisement

उधर, समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने भदोही की एक सभा में किसान महापंचायत का समर्थन करते हुए कहा कि ''उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में लाखों किसान भाजपा के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं तो भदोही में शिक्षक, बुनकर, नौजवान बहुत बड़ी तादाद में एकत्र हैं. यह परिवर्तन की आवाजें हैं जो उठ रही हैं. भाजपा का सत्ता से बेदखल होना तय है. समाजवादी पार्टी की 2022 के चुनावों में बहुमत से जीत होगी. समाजवादी सरकार बनने पर किसानों- बुनकरों को बिजली की सुविधा मिलेगी और नौजवानों के रोजगार का इंतजाम होगा.''

Advertisement

किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा, ''उत्तर प्रदेश में योगी सरकार से बड़ी जातिवादी सरकार कोई नहीं आई. देश के इतिहास में पहली बार हर मंत्री की जाति गिनाई गई और यह वही मुजफ्फरनगर है जहां हिंदू-मुसलमान में दंगा कराकर, खून की नदी बहाकर इन लोगों ने राजनीति की थी.''

उन्होंने कहा, ''जो घर में आग लगाकर अपनी रोटी सेंके वह घर का दोस्त है कि दुश्मन... ये देशद्रोही हैं. ये योगी नहीं देशद्रोही हैं. भारत मां के दो लाल हिंदू और मुसलमान में जो झगड़ा करवाए वह भारत मां का बेटा नहीं हो सकता है, वह देशद्रोही है. आज हम मुजफ्फरनगर में कहते हैं कि तुम तोड़ोगे, हम मिलकर जोड़ेंगे. हम हिंदू मुसलमान को टूटने नहीं देंगे.''

योगेंद्र यादव ने किसान महापंचायत की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जो लोग कह रहे थे कि यह आंदोलन ढीला पड़ गया है, वह आंख खोलकर देख लें कि यह ग्राउंड ही छोटा नहीं पड़ गया, इसके लिए मुजफ्फरपुर (मुजफ्फरनगर) शहर छोटा पड़ गया है. उन्होंने “मुजफ्फरनगर” को “मुजफ्फरपुर” बोल दिया. उन्होंने कहा “योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में किसान के लिए जो किया है उसकी चार्जशीट आपके सामने रखना चाहता हूं. पांच साल और पांच पाप इस सरकार के आपके सामने रखना चाहता हूं.”

यादव ने कहा ''पहला पाप- इस सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ ढोंग किया है.” उन्होंने कहा कि चार साल में सरकार ने गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया और पिछला बकाया नहीं दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सरकार किसानों की कर्जमाफी करने के बजाय फसल के दाम की लूट कर रही है.
उन्होंने गेहूं की खरीद न होने समेत कई और आरोप लगाए. 

मेधा पाटकर ने कहा कि किसानों के अस्तित्व के मुद्दे को नजरअंदाज कर ये लोग “हिंदुत्व के नाम पर अंधत्‍व फैलाते हैं.”

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
IND Vs AUS Semi-Final Update: Team India विजयरथ पर सवार... शहर-शहर जीत का जश्न | NDTV India
Topics mentioned in this article