अज्ञात मोबाइल नंबर से आए एक कॉल ने एक महिला वकील की पूरी जिंदगी बदल दी. महिला ने कल्पना भी नहीं की थी कि ये कॉल उठाना उसे कितना भारी पड़ेगा. 36 वर्षीय पीड़िता को 'गोपनीय जांच' के नाम पर पहले कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया. उसके बाद ब्लैकमेल किया गया. महिला से 50,000 रुपये की ठगी भी की गई. अंधेरी ईस्ट की इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है. महिला वकील के अनुसार गोपनीय जांच की आड़ में जालसाजों ने उसे वीडियो कॉल पर कपड़े उतराने को कहा और फिर ब्लैकमेल किया गया. पीड़िता अंधेरी ईस्ट के साकीनाका में रहने वाली है.
कपड़े उतारने को कहा
पीड़िता के अनुसार जालसाजों ने पहले उसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार की धमकी दी और गोपनीय जांच के लिए पवई के एक होटल में चेक इन करने को कहा. महिला से कहा गया कि एक महिला अधिकारी द्वारा बिना कपड़ों के 'चोट के निशानों' के लिए उनका वीडियो निरीक्षण किया जाएगा. उसे यह विश्वास दिलाया गया कि ये एक नियमित जांच है. साथ ही 50 हजार रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया. महिला को कहा गया कि वो ये बात किसी को न बताए ये एक सीक्रेट है. महिला ने आरोपियों की बात मान ली और वैसा ही किया जैसा उसे करने को कहा गया.
आरोपियों ने बाद में महिला को कई फोन किए. महिला ने जब फोन उठाना बंद कर दिया तो उसे ई-मेल भेजा गया. जिसमें उसकी बिना कपड़ों की तस्वीरें भेजी गईं और उससे पैसे मांगे गए. जब महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है. उसने अपने पति को सब कुछ बताया. पीड़िता ने फिर पुलिस से संपर्क किया और मामला दर्ज करवाया.
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जालसाज ने टेलीकॉम अथॉरिटी से होने का दावा किया और कहा कि उसके नाम पर पंजीकृत मोबाइल नंबर का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के लिए किया गया है. ये बात सुन पीड़ित महिला डर गई. आरोपी ने आगे कहा कि अंधेरी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. अगर वो जांच में सहयोग करेगी, तो बच जाएगी. पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा, "मुझे बताया गया कि सिम को बंद करने के लिए मुझे पुलिस से मंजूरी लेनी पड़ी और गोपनीय जांच की जाएगी". पुलिस के अनुसार महिला को बाद में आरोपियों ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने उस बैंक खाते का ब्योरा मांगा है. जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. साथ ही बैंक को खाता ब्लॉक करने के लिए भी कहा गया है.
डिजिटल अरेस्ट का न हो शिकार
डिजिटल अरेस्ट में अधिकतर साइबर अपराधी खुद को पुलिस का बड़ा अफसर बन वीडियो कॉल करते हैं और आपका नाम किसी अपराध में सामने लाते है. फिर गिरफ्तारी के डर पर ठगी करते हैं. अगर आपके पास भी इस तरह के कॉल आते हैं, तो इस संबंध में नजदीकी पुलिस थाने या साइबर थाने से संपर्क कर शिकायत कर सकते हैं.