अनिल देशमुख और महाराष्ट्र सरकार के SC जाने से पहले ही कैविएट दाखिल, वकील ने कहा- 'हमारी भी सुनें'

बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील जयश्री पाटिल की याचिका पर अनिल देशमुख के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो को आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ देशमुख और महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

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अनिल देशमुख और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ वकील जयश्री पाटिल ने दाखिल की याचिका.
मुंबई:

परमबीर सिंह मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और महाराष्ट्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसले के बाद उनके खिलाफ पहले ही कैविएट दायर कर दिया गया है. वकील जयश्री पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर किया है. दरअसल, पाटिल बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता हैं और उनकी याचिका पर ही हाईकोर्ट ने देशमुख के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो को आदेश दिए हैं.

अनिल देशमुख और महाराष्ट्र सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं इसलिए अदालत कोई भी फैसला लेने के पहले उनकी भी सुने इसलिए पाटिल ने यह कैविएट दायर किया है. देशमुख ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उनका इस्तीफा सरकार की ओर से स्वीकार करने के बाद राज्यपाल को भेज दिया गया था. शरद पवार के करीबी नेता दिलीप वलसे को नया गृहमंत्री बनाया गया है.

हालांकि, इस्तीफे के बाद यह खबर भी आई थी कि देशमुख और महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच वाले आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्‍ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करेंगे. अनिल देशमुख के सुप्रीम कोर्ट में अलग से अपील दाखिल करने की बात है. महाराष्ट्र सरकार और अनिल देशमुख, दोनों अलग-अलग सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती देंगे, जिसके बाद पाटिल ने कैविएट दाखिल किया है.

यह भी पढ़ें : शरद पवार के करीबी दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के गृह मंत्री बने, देशमुख का इस्तीफा राज्यपाल को भेजा

उधर, जानकारी यह भी है कि सीबीआई ने जयश्री पाटिल से फोन पर संपर्क किया है और उनसे अनिल देशमुख के खिलाफ उनकी शिकायत की कॉपी मांगी है. एजेंसी ने यह भी कहा है कि जल्द ही मामले में बयान के लिए पाटिल को बुलाया जाएगा.

बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने पिछले महीने देशमुख पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए थे. परमबीर सिंह ने कहा था कि देशमुख ने कई पुलिस अधिकारियों को हर माह 100 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश दे रखा था. उन्होंने यह भी कहा था कि देशमुख का पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर और कई मामलों की जांच वगैरह में दखलंदाजी थी.

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इन आरोपों को लेकर विवादों में घिरे अनिल देशमुख ने सोमवार को महाराष्‍ट्र के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ट्विटर पर अपना इस्तीफा शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि वो नैतिक दृष्टि के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं.

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