जिंदगी में दुख और सुख सिक्के के दो पहलू बताए जाते हैं. कहा जाता है कि अगर आपके साथ आज कुछ बुरा घटित हो रहा है या आप किसी खराब दौर से गुजर रहे हैं तो सच मानिए ये कठिन समय जल्द ही खत्म होगा. और जिस दिन ऐसा होगा उस दिन आपको लगेगा कि आप अपनी जिंदगी को जितना बुरा बता रहे थे वो उतनी बुरी भी नहीं थी. ये सारा खेल सिर्फ तनाव को हैंडल करने और उस बुरे दौर के गुजरने के इंतजार करने की हिम्मत भर का है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि आपकी जिंदगी में ऐसी कोई समस्या ही नहीं हो सकती है, जिसका आप समाधान ना ढूंढ पाएं. लेकिन समाधान ढूंढने की जगह जिंदगी को पीछे छोड़ कायरों की तरह आत्महत्या कर लेना किसी समस्या का कोई हल नहीं है. बीते दिनों मुंबई से जो एक वीडियो सामने आया है, उसने सभी को हिलाकर रख दिया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे एक पिता जिसकी उम्र करीब 60 साल रही होगी वह अपने बेटे जिसकी उम्र करीब 30 साल होगी, के साथ पहले प्लेटफॉर्म पर टहल रहा है. और इसके बाद वो अपने बेटे के साथ प्लेटफॉर्म से नीचे उतरकर रेल की पटरी पर चलने लगता है.
इस दौरान पिता-पुत्र के हाव भाव को देखकर ऐसा लगा रहा है कि दोनों अपने जीवन से खुश नहीं हैं, और इसी वजह से कोई गलत फैसला लेने आगे बढ़ रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि दोनों पटरी पर आगे बढ़ते समय आपस में बात कर रहे हैं. बेटे के पीठ पर एक बैग लटका है, जबकि उसके पिता खाली हाथ उसके कुछ दूर तक उसके साथ चलते हैं. और फिर रेलवे प्लेटफॉर्म से नीचे उतरने के बाद पिता आगे आगे चलने लगता है. प्लेटफॉर्म से नीचे उतरे ही पिता दूसरी तरफ की पटरी के पास जाने की कोशिश करता हैं, लेकिन उसका बेटा उसे ऐसा करने से रोक देता है. फिर दोनों हाथ पकड़कर समाने की पटरी पर सीधे चलने लगते हैं. वीडियो में दिख रहा है कि इस दौरान दोनों कुछ सेकेंड्स के लिए रुकते हैं और बेटा पिता के आंसू पोछने की कोशिश करता है.
ये तो कायरता है
इसी दौरान सामने से एक ट्रेन आती दिखती है. इस बार पिता अपने बेटे की कोई बात नहीं सुनता है और उसका हाथ पकड़कर दूसरे तरफ की पटरी पर ले जाता है. इसी दौरान ट्रेन उन दोनों के और करीब आती है तो दोनों पिता पुत्र एक साथ पटरी पर सिर रखकर लेट जाते हैं. और इस हादसे में उन दोनों की मौत हो जाती है. पिता-पुत्र की खुदकुशी के बाद भले ही उनके जीवन की समस्या खत्म हो गई है लेकिन किसी समस्या को अपने जीवन से खत्म करने का ये कोई तरीका नहीं है.
आपको और हमे ये समझने की जरूरत है कि आपके जीवन के सामने दुनिया की कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं है कि उसका समाधान ना ढूंढ़ा जा सके. ऐसे में अपनी जिंदगी को खत्म कर लेना कहीं से भी किसी समस्या का समाधान नहीं है. ये कायरता है. जिसे किसी भी तरह से सही नही ठहराया जा सकता है.
हेल्पलाइन | |
---|---|
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ | 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com |
TISS iCall | 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक) |
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं) |