Coronavirus: डबडबाई आंखों के साथ डॉक्टर ने कहा, ऐसा पहले कभी नहीं देखा; बेबस हैं हम

डॉ तृप्ति गिलाडा ने कहा, मौजूदा स्थिति में इमोशनल ब्रेकडाउन हम सभी डॉक्टरों में भी कहीं ना कहीं हो रहा है. इसलिए अपना ख्याल रखें और खुद को सुरक्षित रखें

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डॉ तृप्ति गिलाडा.
मुंबई:

तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण ने देश भर में कोहराम मचा दिया है. इससे आम लोग तो बुरी तरह  प्रभावित हैं ही मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टर कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हालात का सामना कर रहे हैं और हताश हैं. इन्फीशियस डिसीज फिजीशियन डॉ तृप्ति गिलाडा (Dr Trupti Gilada) ने एक वीडियो में डबडबाई आंखों के साथ कहा कि ''बहुत सारे डॉक्टरों की तरह मैं भी बहुत परेशान हूं. मुंबई की हालत तो बहुत ही खराब है. मुंबई (Mumbai) के अस्पतालों में आईसीयू में जगह नहीं है. हम लोगों ने इससे पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी है. हम असहाय हैं. मौजूदा स्थिति में इमोशनल ब्रेकडाउन हम सभी डॉक्टरों में भी कहीं ना कहीं हो रहा है. इसलिए अपना ख्याल रखें और खुद को सुरक्षित रखें.''

डॉ तृप्ति गिलाडा ने कहा कि ''आपको पिछले एक साल से कोरोना नहीं हुआ है, और आपको लगता है कि आप सुपर हीरो हो, आपकी इम्युनिटी बहुत अच्छी है, तो आप गलतफहमी में हो. हम लोग 35 वर्ष के युवाओं को देख रहे हैं, जो वेंटिलेटर पर हैं और उनकी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है.'' 

उन्होंने आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए बेहद भावुक होकर कहा कि ''अभी की स्थिति में इमोशनल ब्रेकडाउन हम सभी डॉक्टरों में भी कहीं ना कहीं हो रहा है. इसलिए अपना ख्याल रखें और खुद को सुरक्षित रखें. पैनिक होकर हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत नहीं है. कुछ लोगों को एडमिट करना बेहत जरूरी हो रहा है और उनके लिए अस्पताल में बेड नहीं है.'' 

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डॉ तृप्ति गिलाडा ने कहा कि ''ऐसा वक्त पहले कभी नहीं दिखाई दिया, जब इतने सारे लोगों को एक साथ मैनेज करना पड़ा हो. हम लोगों को घरों में ऑक्सीजन लगाकर मैनेज कर रहे हैं. जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं, उनमें सीरियस इन्फेक्शन कम दिख रहे हैं और हॉस्पिटलाइजेशन न के बराबर है. साफ है कि वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाव में मददगार है.''

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