भारत की बढ़ी ताकत! एक ही जगह से कई निशाने साधने वाली अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण

मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है.

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नई दिल्ली:

भारत ने आज 'मिशन दिव्यास्त्र' के तहत एक बड़ा और सफल परीक्षण किया. मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक से लैस स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण कामयाब रहा.

इस मिसाइल से ये सुनिश्चित होगा कि एक ही मिसाइल युद्ध के कई प्रमुख क्षेत्रों पर एक साथ तैनात की जा सकती है. इस परियोजना की निदेशक एक महिला हैं और इस मिशन में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है.

मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है.

ये प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च सटीकता सेंसर पैकेजों से लैस है, जो ये सुनिश्चित करती है कि सटीकता के साथ ये लक्ष्य तक पहुंचती है. ये क्षमता भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति का प्रतीक है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई दी है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण 'मिशन दिव्यास्त्र' के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है."

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एमआईआरवी प्रौद्योगिकी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है.

इसकी एक अन्य विशेषता ये है कि इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है. इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में ये सुविधा नहीं थी.

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