पिछड़े इलाकों का विकास ठप, सांसदों ने पीएम से की MPLAD पर रोक खत्म करने की मांग

कई राजनीतिक दलों के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एमपी लोकल एरिया डेवलपेंट स्कीम की निधि फिर से बहाल करने की मांग की

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सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से सांसद स्थानीय विकास निधि पर लगी रोक समाप्त करने की मांग की है (प्रतीकात्मक फोटो).
नई दिल्ली:

भारत सरकार ने तय किया है कि 80 करोड़ गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त अनाज की सुविधा इस साल नवंबर तक दी जाएगी. दीपावली तक सभी गरीब लोगों को भारत सरकार मुफ्त में अनाज मुहैया कराएगी. ग्रामीण इलाकों में कोरोना के कहर और रोजगार के संकट के बीच प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह महत्वपूर्ण ऐलान किया. अब कई राजनीतिक दलों के सांसदों ने प्रधानमंत्री को आगाह किया है कि एमपी लोकल एरिया डेवलपेंट स्कीम (MPLAD) यानी सांसद स्थानीय विकास निधि के फंड को रोकने के भारत सरकार के फैसले की वजह से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में विकास की योजनाएं ठप पड़ गई हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है. लोगों को गांवों में रोजगार नहीं मिल पा रहा है.

शिरोमणि अकाली दल के सेक्रेटरी जनरल और राज्यसभा सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ ने NDTV से कहा कि "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करता हूं कि सरकार MPLAD फंड को पर लगी रोक को जल्दी हटाए और इसे फिर से बहाल किया जाए. मैंने प्रधानमंत्री को इस बारे में चिट्ठी लिखकर उनसे शिरोमणि अकाली दल की तरफ से औपचारिक तौर पर गुजारिश करने का फैसला किया है."  

आरजेडी सांसद मनोज झा कहते हैं कि मौजूदा कोरोना वायरस संकट के दौर में एमपीलैड्स फंड की आज जितनी जरूरत है शायद इतनी पहले कभी नहीं रही. मनोज झा ने NDTV से कहा,  "मैंने हाल ही में एक राष्ट्रीय अखबार में लेख लिखा जिसके बाद करीब 100 सांसदों ने मुझे कॉल करके कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है."

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कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि ''अर्थव्यवस्था की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. मौजूदा वित्तीय साल में विकास दर 9:30 फीसदी रहने का अनुमान है. ऐसे में सरकार को तत्काल एमपी लाइव फंड फिर से बहाल करना चाहिए.''

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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने NDTV से कहा कि "लोग अब सांसदों से यह पूछ रहे हैं कि विकास की परियोजनाएं फिर से शुरू क्यों नहीं की जा रही हैं क्योंकि कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मैं प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि एमपी लाइट फंड को सरकार तत्काल बहाल करे."

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जाहिर है कई राजनीतिक दलों के सांसद यह मानते हैं कि कोरोना वायरस के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हुई है, विकास की योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. रूरल डिमांड कमजोर हुई है और रोजगार के अवसर भी ग्रामीण इलाकों में घटते जा रहे हैं. ऐसे में अगर MPLAD फंड फिर से शुरू किया जाता है तो इससे ग्रामीण इलाकों में विकास की योजनाओं को फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी और रोजगार बड़े स्तर पर पैदा करना संभव हो सकेगा.

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