- उज्जैन की एक अधेड़ महिला ने अपने बेटे की शादी से पहले समधी के साथ इश्क में पड़ गई.
- दूल्हा-दुल्हन के मेता-पिता ने बच्चों की सगाई से पहले घर से भागकर एक साथ रहने लगे.
- इस घटना ने समाज और पारिवारिक रिश्तों की मर्यादा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं
कहते हैं न कि इश्क का जुनून सिर चढ़कर बोलता है. ये निगाहें भी अजीब हैं. कोई नहीं जानता कि ये न जाने कब, कहां और किस पर ठहर जाएं. प्यार में उम्र की कोई सुधबुध रहती ही कहां है. इश्क अगर एक बार आंखों से होकर दिल में उतर जाए तो फिर इसके आगे दुनिया का हर नशा बेकार लगने लगता है. ऐसा ही कुछ हुआ उज्जैन की एक अधेड़ महिला के साथ. महिला ने अपने बेटे की शादी चिकली के एक 50 साल के किसान की बेटी संग तय की थी. सगाई और शादी बच्चों की होनी थी, लेकिन समधी-समधन के बीच कुछ और ही पक रहा था. परिवार इस बात से पूरी तरह बेखबर था.
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बच्चों की शादी से पहले समधी-समधन फरार
कुछ ही दिनों में बच्चों की सगाई होनी थी. इसी सिलसिले में समधी-समधन के बीच अक्सर बातचीत होती थी. दोनों के बीच मोहब्बत कब परवान चढ़ गई, परिवार ये भांप ही नहीं पाया. बच्चों की सगाई से पहले ही लड़के की मां और लड़की का किसान पिता घर से फरार हो गए. लकड़ी के पिता को भी इस बात की जरा भी हिचक नहीं हुई कि जिसके इश्क में वह पागल हुआ जा रहा है वह उसकी बेटी की होने वाली सास है. समाज और परिवार की रत्ती भर चिंता नहीं करते हुए दोनों समधी और समधन अपने प्यार का आशियाना बनाने निकल पड़े.
इश्क परवान चढ़ा, परिवार को पता ही नहीं चला
मामला तब उजागर हुआ जब पुलिस ने लापता महिला को खोजना शुरू किया. महिला अपने होने वाले समधी के साथ मिली. इतना ही नहीं पुलिस के सामने दोनों एक साथ रहने पर अड़ गए. ऊंटवासा की रहने वाली 45 साल की महिला 8 दिन पहले घर से लापता हो गई थी. बेटे ने मां की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई. खोजबीन के दौरान गुरुवार को महिला ग्राम चिकली में मिली. थाने ले जाकर जब उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि बच्चों की शादी की तैयारियों के बीच ही दूल्हे के पिता को दुल्हन की मां से इश्क हो गया. इसलिए बच्चों की सगाई की से पहले दोनों समधी-समधन घर से भाग गए.
पति और 3 बच्चों को छोड़ समधी संग रहने की जिद
बड़नगर थाना प्रभारी अशोक पाटीदार ने बताया कि अधेड़ महिला अपने पति और तीन बच्चों के ग्राम ऊंटवासा में रहती थी. वहीं वहीं किसान पत्नी की मौत के बाद दो बच्चों के साथ ग्राम चिकली में रहता था. बच्चों की सगाई तय होने के दौरान दोनों में प्रेम संबंध हो गए. इसलिए महिला सगाई से 8 दिन पहले बच्चे केइलाज के बहाने बड़नगर आई और लापता हो गई. प्रेमप्रसंग का मामला उजागर होने के बाद परिवार ने उसे खूब समाया लेकिन उसने किसी की एक न सुनी और प्रेमी समधी के साथ चली गई.
किसी ने खूब कहा है कि इश्क में इंसान को सही गलत का ऐहसास ही नहीं रहता. उसको समाज और रिश्तों के बंधन भी बांधकर नहीं रख पाते हैं. ये घटना उस कहावत को बिल्कुल सही साबित करती है. इस मामले ने समाज और रिश्तों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं.














