मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खुफिया एजेंसी ने कथित आतंकियों के बड़े मॉड्यूल को ध्वस्त किया है. संदिग्ध आतंकी पुराने शहर में ऐशबाग थाने से 200 मीटर की दूरी पर फातिमा मस्जिद के पास बिल्डिंग में किराये का घर लेकर रह रहे थे. खुफिया एजेंसी ने आपरेशन चलाकर चार संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लिया है. इस बिल्डिंग से कई बोरी धार्मिक साहित्य, दर्जन भर से ज्यादा लैपटाप जब्त किए गए हैं.
हिरासत में लिए गए चारों संदिग्ध आतंकी बांग्लादेश के रहने वाले हैं. वे प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के सदस्य हैं. वे भारत में रहकर रिमोट कंट्रोल स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे ताकि भविष्य में आतंकी वारदातों को अंजाम दे सकें. हिरासत में लिए गए संदिग्ध आतंकियों के नाम फजहर अली उर्फ मेहमूद (32 साल), मोहम्मद अकील उर्फ अहमद (24 साल), जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम (28 साल) और फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन हैं.
इस ऑपरेशन के साथ ही एक और छापा शहर के बाहर करौंद इलाके में भी मारा गया. वहां से लोकल मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लिए जाने की सूचना है. खुफिया एजेंसी ने संदिग्ध आतंकियों को अज्ञात स्थान पर लेकर पूछताछ की.
पड़ोसी किरायेदार शइद ने बताया कि देर रात 3 बजे 50 से 60 पुलिसकर्मी आए और गोली मारकर दरवाजे का ताला तोड़ दिया. गिरफ्तारी के बाद उस कमरे को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं है. पड़ोसी का कहना है कि करीब तीन महीने से दो लोग यहां किराये पर रह रहे थे.
खुफिया एजेंसी ने संदिग्ध आतंकियों को पकड़ने के ऑपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा. स्थानीय थाने को भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. बिल्डिंग में सभी किरायेदार परिवार रहते हैं. नीचे वाले मकान का किरायेदार भी गायब है. पूरी गली में दहशत का माहौल है कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है. बस सिर्फ इतना कहना है कि यह बिल्डिंग 70 साल की नायाब जहां की है.
खुफिया एजेंसी को इस बात की सूचना मिली थी कि संदिग्ध आतंकियों ने अपने छिपने का ठिकाना भोपाल में बनाया है. इसके बाद जांच कर एजेंसी उन तक पहुंची गई और उन्हें हिरासत में ले लिया. उनकी निशानदेही पर भोपाल के बाहर करौंद क्षेत्र के एक घर में भी छापा मारे जाने की बात सामने आ रही है.
जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश ने 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों में 500 से ज्यादा छोटे बड़े बम विस्फोट किए थे. सन 2014 में पश्चिम बंगाल के बर्धमान में ब्लास्ट किया था जिसमें दो लोग मारे गए थे. फिर 2018 में बोधगया ब्लास्ट में भी इसका नाम आया. भारत सरकार ने 2019 में इस संगठन को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था.
शांति का टापू कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संदिग्ध आतंकियों का मिलना बड़ी बात मानी जा रही है. यह पहले भी सामने आ चुका है कि आतंकी ऐसे इलाकों को अपना ठिकाना बनाते हैं, जहां का इलाका बहुत शांत हो. इसके पहले मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हेल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े थे. इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते थे.