मुंबई की धारावी (Dharavi) एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है और इसके विकास की योजना करीब 20 साल पुरानी है. धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi Redevelopment Project) के लिए सर्वे का आगाज हो चुका है और इसके बाद यहां के आम लोगों में यह विश्वास बना है कि उनके घर का सपना जल्द पूरा हो जाएगा. धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास (SVR Srinivas) ने एनडीटीवी के साथ खास बातचीत की और कहा कि यह प्रोजेक्ट बड़ा माइलेस्टोन है. साथ ही उन्होंने बताया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा अर्बन रिन्यूअल प्रोजेक्ट है.
एसवीआर श्रीनिवास ने बताया कि हम प्रोजेक्ट को लेकर डिजिटल सर्वे का काम शुरू हो चुका है और इसके तहत सभी लोगों के दस्तावेज स्कैन किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि बारिश का समय छोड़कर आठ महीने के अंदर सर्वे पूरा करने की कोशिश रहेगी.
उन्होंने सर्वे की व्यापकता के बारे में बताते हुए कहा, "सिर्फ घरों का सर्वे नहीं होगा, बल्कि दुकान, इंडस्ट्रीज, स्कूल, मंदिर-मस्जिद सबका सर्वे होगा. धारावी में फिजिकल सर्वे भी होगा और सोशियो-इकोनॉमिक सर्वे भी होगा."
श्रीनिवास ने कहा कि दस्तावेजों में आधार कार्ड या वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस दिखाना जरूरी होगा.
कोई नहीं छूटेगा, सबको मिलेगा घर : श्रीनिवास
उन्होंने कहा, "कोई छूटेगा नहीं. सबको घर मिलेगा. ग्राउंड फ्लोर के ऊपर की मंजिलों पर रह रहे किराएदारों को भी भारत में पहली बार धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत हायर परचेज बेसिस पर मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में ही धारावी के पास घर देंगे.
साथ ही उन्होंने कहा कि किराये पर घर मिलेगा लेकिन खरीदी का भी अधिकार दिया गया है. उसकी कीमत भी सरकार ही तय करेगी.
श्रीनिवास ने कहा, "सर्वे, दस्तावेजों की जांच ये सब सरकार कर रही है. प्राइवेट एजेंसी इसमें कहीं नहीं है. ऊपर अपील करना चाहें तब भी सरकार के पास ही अपील करनी होगी."
स्लम फ्री इंडिया की ओर बड़ा कदम : श्रीनिवास
उन्होंने कहा कि धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे बड़ा अर्बन रिन्यूअल प्रोजेक्ट है और बहुत जटिल भी. उन्होंने कहा कि यह मुंबई में स्लम फ्री सिटी, देश में स्लम फ्री इंडिया की ओर एक बहुत बड़ा और पहला कदम है. राज्य और केंद्र सरकार का इसमें पूरा सहयोग है.
श्रीनिवास ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना—अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम लागू करके सब्सिडी देने की योजना पर भी काम कर रहे हैं.
साथ ही उन्होंने बताया कि स्किल डेवलपमेंट के लिए लोगों का सोशियो-इकोनॉमिक सर्वे कर रहे हैं. इस डाटा से लोगों की ट्रेनिंग में मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि धारावी में चल रहे सभी इंडस्ट्रियल और कमर्शियल यूनिट्स को 5 साल के लिए SGST से छूट मिलेगी. भारत में स्लम प्रोजेक्ट में ऐसा पहली बार हो रहा है.
ये हैं प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी चुनौतियां
उन्होंने कहा कि मुंबई में तीन-चार प्रोजेक्ट काफी चुनौतीपूर्ण रहे है जैसे मुंबई मेट्रो, ट्रांस हार्बर लिंक. हालांकि धारावी प्रोजेक्ट सबसे जटिल प्रोजेक्ट लगता है. उन्होंने कहा कि इसमें निर्माण और योजना से जुड़ी चुनौतियां तो हैं ही जनसंख्या से से जुड़ी भी कई तरह की चुनौतियां हैं जो दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं रहती हैं, उनसे भी हमें गुजरना है.
उन्होंने कहा कि यह वैश्विक स्तर का प्रोजेक्ट है. इससे ज्यादा मुश्किल प्रोजेक्ट ना मैंने किया है और ना मुझे लगता है कि कभी करने को मिलेगा. ये काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है.
साथ ही उन्होंने कहा कि धारावी तक सही जानकारी जाए इसलिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करेंगे और अफवाहें दूर करेंगे.
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