गुजरात की एक अदालत ने जेल में बंद ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल की अंतरिम जमानत की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. याचिका में पटेल ने गुजरात के मोरबी कस्बे में मच्छु नदी पर बने पुल से जुड़े हादसे में मृतकों के परिवारों और घायल 56 लोगों को मुआवजा देने के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के वास्ते जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया था. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी जोशी की कोर्ट ने पटेल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी. याचिका का राज्य सरकार और पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने विरोध किया था.
हादसे में 135 लोगों की मौत हुई थी
गौरतलब है कि ओरेवा ग्रुप, मच्छु नदी पर ब्रिटिश काल के उस पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था, जो पिछले साल 30 अक्टूबर को ढह गया था. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 56 अन्य घायल हो गए थे. मामले में गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में से एक जयसुख पटेल ने एक याचिका दायर कर पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान करने के लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए 15 से 20 दिनों के लिए जेल से अस्थायी रिहाई की मांग की थी. गुजरात हाईकोर्ट ने 22 फरवरी को घड़ी निर्माता कंपनी ओरेवा को हादसे में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के को 10 लाख और घायल हुए हर व्यक्ति को दो लाख रुपये की राशि चार सप्ताह के अंदर देने का निर्देश दिया था.
शनिवार को कोर्ट ने फैसला 7 मार्च तक सुरक्षित रख लिया था
शनिवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और पीड़ितों के परिजनों के विरोध के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी जोशी की अदालत ने पटेल की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना फैसला 7 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया था. पीड़ितों के परिवारों की ओर से दिलीप अगेचनिया ने अदालत से कहा कि पटेल को इस समय रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. पुलिस ने इस हादसे के सिलसिले में पटेल सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और सभी आरोपी वर्तमान में मोरबी उप-जेल में बंद हैं.
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