मॉनसून 18 जून से दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वी हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए तैयार: आईएमडी

अरब सागर में चक्रवात बिपारजॉय की उपस्थिति के कारण शुरुआत में मॉनसून की प्रगति में देरी हुई. दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने भारत में आठ जून को दस्तक दी, जो आम तौर पर केरल में एक जून को पहुंचता है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
चक्रवात ‘बिपारजॉय’ का मॉनसून के आगे बढ़ने और मौसमी वर्षा प्रणाली की प्रगति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
नई दिल्ली:

केरल में शुरुआती देरी के बाद दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून रविवार से दक्षिणी प्रायद्वीप और देश के पूर्वी हिस्सों में आगे बढ़ने वाला है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात ‘बिपारजॉय' का मॉनसून के आगे बढ़ने और मौसमी वर्षा प्रणाली की प्रगति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘यदि चक्रवात बिपारजॉय ओमान की तरफ उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता, तो इससे मॉनसून का प्रवाह प्रभावित होता.'' महापात्र ने कहा कि चक्रवात ने भूमध्यरेखीय प्रवाह को मजबूत करके मॉनसून की प्रगति में मदद की है क्योंकि यह दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बना हुआ है.

उन्होंने कहा कि 18 से 21 जून के बीच दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ और हिस्सों तथा पूर्वी भारत और आसपास के क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं.

अरब सागर में चक्रवात बिपारजॉय की उपस्थिति के कारण शुरुआत में मॉनसून की प्रगति में देरी हुई. दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने भारत में आठ जून को दस्तक दी, जो आम तौर पर केरल में एक जून को पहुंचता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Mumbai में Rohit Arya ने बच्चों को हथियार क्यों बनाया? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article