मॉनसून सेशन : पेगासस मुद्दे पर विपक्ष 'हमलावर' होने को तैयार, सरकार का 'मज़बूत बचाव' तैयार

इस मामले पर केंद्र ने जवाब दिया है कि खास लोगों पर सरकारी निगरानी के इन आरोपों का कोई ठोस आधार या सच्चाई नहीं है. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि सरकार पेगासस स्पाइवेयर मामले पर मजबूत बचाव से पीछे नहीं हटेगी.

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मॉनसून सेशन के हंगामेदार रहने के आसार, विपक्ष Pegasus स्पाईवेयर मामले में सरकार को घेरेगा
नई दिल्ली:

संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) ' फोन हैकिंग' विवाद के बीच शुरू हो रहा है. भारतीय मंत्रियों भारतीय मंत्रियों, विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के फोन नंबर उस लीक डाटाबेस में पाए गए हैं, जिन्हें इजरायली स्पाईवेयर Pegasus के इस्तेमाल से हैक किया गया है. द वायर सहित 16 मीडिया संस्थानों की पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है. विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर होने को तैयार है. वहीं सरकार से भी इस मामले में मजबूती से बचाव करते दिखने के संकेत सामने आए हैं. इस मामले पर केंद्र ने जवाब दिया है कि खास लोगों पर सरकारी निगरानी के इन आरोपों का कोई ठोस आधार या सच्चाई नहीं है. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि सरकार पेगासस स्पाइवेयर मामले पर मजबूत बचाव से पीछे नहीं हटेगी.

बता दें कि कांग्रेस सदन में किसानों के मुद्दे और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाएगी. तृणमूल ने पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि, कृषि कानूनों को निरस्त करने, टीकाकरण, आर्थिक विकास में गिरावट, एमपीलैड फंड की बहाली और कमजोर संघीय ढांचे पर चर्चा के लिए दोनों सदनों में छह नोटिस दिए हैं. पेगासस स्कैंडल पर चर्चा के लिए CPI ने राज्यसभा में कामकाज को स्थगित करने का नोटिस दिया है.

सरकार मजबूती से रखेगी पक्ष

Pegasus स्पाईवेयर मामले में सरकार अपना मजबूत पक्ष रखने में बिल्कुल पीछे नहीं रहेगी. सूत्रों ने एनडीटीवी से बात करते हुए यह जानकारी दी. न्यूज वेबसाइट द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि Pegasus सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने वाली एक अज्ञात एजेंसी की हैकिंग लिस्ट में भारतीय पत्रकारों के फोन नंबर पाए गए हैं. यह सॉफ्टवेयर इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप बनाती है. केंद्र सरकार अभी भी अडिग है कि इसमें कोई "अनाधिकर इंटरसेप्शन नहीं हुआ है."  आईटी मंत्रालय से जुड़े हुए एक सूत्र ने एनडीटीवी को बताया "हमें डरने की कोई बात नहीं है और सरकार के पास छुपाने को कुछ भी नहीं है. हम हर एक सवाल का जवाब देंगे. न्यूज रिपोर्ट से कुछ भी साबित नहीं होता है. हकीकत यह है कि पैगासस को सरकार से जोड़ने की तमाम पिछली कोशिशें नाकाम हुई हैं." 

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ये है पूरा विवाद
बता दें कि भारतीय मंत्रियों, विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के फोन नंबर उस लीक डाटाबेस में पाए गए हैं, जिन्हें इजरायली स्पाईवेयर Pegasus के इस्तेमाल से हैक किया गया है. द वायर सहित 16 मीडिया संस्थानों की पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है. रविवार शाम को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि लीगल कम्यूनिटी मेंबर्स, बिजनेसमैन, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, कार्यकर्ताओं और अन्यों के नंबर इस लिस्ट में शामिल हैं. इस लिस्ट में 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबर हैं. हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस सहित बड़े मीडिया संस्थानों के बड़े पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया है. 

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The Wire के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2019 के लोकसभा आम चुनावों से पहले 2018 और 2019 के बीच ज्यादातर को निशाना बनाया गया. पेगासस को बचेने वाली इजरायली कंपनी NSO ग्रुप का दावा है कि वह अपने स्पाईवेयर केवल अच्छी तरह से जांची-परखी सरकारों को ही ऑफर करती है.

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